विपक्ष के नेता पद को लेकर नहीं बनी बात
विपक्ष के नेता पद को लेकर नहीं बनी बात- झगड़ा ईपीएस ओपीएस का, 11 मई से पहले करनी है घोषणा
चेन्नई. सेलम में एआईएडीएमके ने 11 में से 10 सीटें जीती। पश्चिमी तमिलनाडु के साथ ही उत्तरी तमिलनाडु में एआईएडीएमके का प्रदर्शन आशाजनक रहा। इसमें एडपाडी पलनीस्वामी की प्रमुख भूमिका रही। पलनीस्वामी खुद 93 हजारों से अधिक मतो से जीते। तमिलनाडु के इतिहास में किसी पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री ने इतने अधिक मार्जिन से जीत दर्ज नहीं की। इसके चलते एडपाडी की विपक्षी नेता का दावा मजबूत बन रहा है।
जबकि एआईएडीएमके पश्चिमी तमिलनाडु में 54 सीटों में से 32 सीटें जीती जो कि ईपीएस का गढ़ है। दक्षिण तमिलनाडु में जिसे ओपीएस का गढ़ माना जाता है, पार्टी 60 में से 16 सीटों पर ही जीत हासिल कर सकी। एआईएडीएमके इस क्षेत्र में मजबूत था, जहां ओपीएस का थेवर समुदाय विशेष रूप से तेनी जिले में बड़ी संख्या में है।
शुक्रवार को एआईएडीएमके मुख्यालय में हुई पार्टी कार्यकारिणी की बैठक के दौरान ईपीएस और ओपीएस दोनों के लिए नारेबाजी की गई। ओपीएस गुट का मानना है कि वन्नियार समुदाय के लिए ईपीएस द्वारा घोषित अंतिम मिनट के आरक्षण के परिणामस्वरूप तमिलनाडु के कई हिस्सों में अन्य समुदायों के एआईएडीएमके उम्मीदवारों की हार हुई और इसके लिए निवर्तमान मुख्यमंत्री को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।
तमिलनाडु विधानसभा सचिवालय ने शनिवार को 12 मई को विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की तारीख की घोषणा की। यह प्रथा है कि अध्यक्ष को मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता की अध्यक्षता में नियुक्त किया जाना है। इसका मतलब है कि विपक्षी नेता की घोषणा 11 मई तक होनी है। यह भी देखा जा सकता है कि दोनों नेताओं के बीच अहम भूमिका निभाने वाली भाजपा समझौता फार्मूला अपनाएगी या नहीं।