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चेन्नई

बिजली अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन की अलगिरी ने की निंदा

तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के.एस. अलगिरी ने बुधवार को राज्य की सत्तारूढ पार्टी एआईएडीएमके से केंद्र सरकार से केंद्र द्वारा प्रस्तावित बिजली अधिनियम संशोधन बिल को वापस लेने की मांग करने का आग्रह किया।

चेन्नईMay 13, 2020 / 06:45 pm

Vishal Kesharwani

बिजली अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन की अलगिरी ने की निंदा

बिजली अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन की अलगिरी ने की निंदा


चेन्नई. तमिलनाडु कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के.एस. अलगिरी ने बुधवार को राज्य की सत्तारूढ पार्टी एआईएडीएमके से केंद्र सरकार से केंद्र द्वारा प्रस्तावित बिजली अधिनियम संशोधन बिल को वापस लेने की मांग करने का आग्रह किया। साथ ही राज्य के किसानों से परिस्थिति को देखते हुए सतर्क रहने का भी आग्र्रह किया। यहां जारी एक विज्ञप्ति में अलगिरी ने कहा राज्य के मुख्यमंत्री एडपाडी के.पलनीस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिख इस बिल का विरोध दर्ज कराते हुए कहा है कि इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। लेकिन ऐसा ना हो कि पहले की तरह इस पत्र को भी अनदेखा कर दिया जाए। एआईएडीएमके सरकार के पास इसका विरोध और इसे रोकने की क्षमता भी नहीं है। अलगिरी ने कहा किसानों में पिछले 30 वर्षो से मुफ्त बिजली की आपूर्ति की जा रही है और संशोधन कर किसानों के इस अधिकार को छीना नहीं जाना चाहिए।

 

ऐसी परिस्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार के प्रस्ताव को वापस कराने को लेकर एआईएडीएमके सरकार को कड़े कदम उठाने चाहिए। अगर केंद्र सरकार विधेयक के जरिए आगे बढऩे की कोशिश करती है तो कांग्रेस द्वारा राज्य में प्रदर्शन किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले डीएमके अध्यक्ष एम.के. स्टालिन ने कहा था कि केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित नए बिजली बिल का मसौदा देश के संघवाद के खिलाफ है और राज्य के अधिकारों को छीनने को लेकर केंद्र सरकार के प्रयासों का एक हिस्सा है। बिल का मसौदा किसानों में मुफ्त बिजली की आपूर्ति और घरेलू उपभोक्ताओं को प्रदान किए जाने वाले 100 यूनिट फ्री बिजली पर रोक लगाने के उद्देश्य से पेश किया गया है। बिल में किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं को प्रत्यक्ष सब्सिडी प्रदान करने का प्रस्ताव है, लेकिन उनके द्वारा उपयोग किए गए बिजली पर चार्ज किया जाएगा, जो कि संघवाद के खिलाफ है। ऐसी परिस्थिति में केंद्र द्वारा प्रस्तावित नए बिल मसौदे को राज्य सरकार को स्वीकार नहीं करना चाहिए। उसके बाद तमिल मनिला कांग्रेस के अध्यक्ष जी.के. वासन ने कहा था कि केंद्र सरकार को प्रस्तावित नए बिजली बिल के मसौदे को वापस ले लेना चाहिए, क्योंकि इससे उपभोक्ताओं और किसानों को किसी प्रकार का लाभ नहीं मिलेगा।

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