सूत्रों के अनुसार आरोपित डीएसपी ने शिकायतकर्ता से छह लॉरी छोडऩे के एवज में १ लाख २० हजार और पोंगल बोनस के तौर पर अतिरिक्त २५ हजार रुपए मांगे थे। डीवीएसी के अधिकारियों ने बताया कि आम्बूर के सानाकुप्पम गांव निवासी पन्नीरसेल्वम ईंट भट्टा मालिक है। वह परमिट पर रेत की आवाजाही भी करता है। लेकिन रेत खदानें बंद करने के हाईकोर्ट के आदेश के कारण उसके काम पर असर पड़ा। उसके पास छह लॉरियों में रेत लदी थी जिसकी उसे बिक्री करनी थी। इस बीच आम्बूर डीएसपी धनराज ने पन्नीरसेल्वम की छह लॉरी जब्त कर दी।
बाद में डीएसपी ने लॉरी मालिक पन्नीरसेल्वम से संपर्क किया और लॉरी छोडऩे के एवज में उक्त राशि मांगी। डीएसपी ने रिश्वत नहीं देने पर फर्जी मुकदमा दर्ज कर उसे फंसाने की धमकी दी। डीएसपी की धमकी से घबराया पन्नीरसेल्वम डीवीएसी कार्यालय पहुंचा और उसके खिलाफ नामजद शिकायत दर्ज कराई। शिकायत प्राप्त होने के बाद अधिकारियों ने डीएसपी को रंगे हाथ गिरफ्तार करने के लिए जाल बिछाया। डीवीएसी की टीम ने पन्नीरसेल्वम को गुरुवार को डीएसपी से मिलकर रुपए देने का कहा। अधिकारियों के कहे अनुसार पन्नीरसेल्वम गुरुवार को डीएसपी के सहयोगी उपनिरीक्षक लूर्द जयराज (51) से मिला और उसे १.४५ लाख रुपए दिए।
पन्नीरसेल्वम से रुपए लेकर जयराज डीएसपी धनराज के कमरे में गया और यह रकम उसे दे दी। डीएसपी के रुपए लेते ही भ्रष्टाचाररोधी पुलिस टीम ने डीएसपी धनराज एवं जयराज को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार पुलिसकर्मियों से पूछताछ जारी है।
गिरफ्तारी पर ग्रामीणों ने छोड़े पटाखे
डीएसपी धनराज और सहायक एसआई जयराज की गिरफ्तारी के बाद लोगों ने पटाखे जलाकर खुशी मनाई। खबर है कि स्थानीय लोग और ग्रामीण डीएसपी की करतूतों से परेशान थे। उसकी गिरफ्तारी के बाद लोगों ने एक-दूसरे को बधाई दी। ग्रामीणों का आरोप है कि डीएसपी धनराज की यहां पोस्टिंग के बाद आम्बूर में अपराध बढ़ गया था। डीएसपी पर जबरन वसूली और अपराधियों को शह देने का भी ग्रामीणों ने आरोप लगाया।