सुबह से ही जुटने लगे समर्थक
अझगिरी के इस शांति मार्च में शामिल होने के लिए सवेरे से ही समर्थकों का जमावड़ा शुरू हो गया था। महानगर के अलावा राज्य के अलग-अलग जिलों से सुबह होने के साथ ही लोग मरीना बीच और वालाजा रोड पहुंच गए और अपने नेता एमके अझगिरी के समर्थन में नारे लगाने लगे। राज्य के अलग अलग जिलों से आए समर्थक करुणानिधि और अझगिरी के बैनर लिए हुए थे, जिन पर ‘करम कोरपोम कझगम कारपोमÓ (आओ हाथ मिलाएं और पार्टी बचाएं) लिखा था। देखते-देखते हजारों की संख्या में लोग मरीना बीच पहुंच गए जिनमें महिलाएं भी शामिल थी। महिलाएं और युवा वर्ग पोस्टर और पट्टियां लेकर मरीना बीच पहुंचे और उनके समर्थन में नारेबाजी करने लगे।वालाजा रोड पर करुणानिधि और अझगिरी का पोस्टर लिए खड़ी एक महिला चिंतामणि ने कहा कि हम अझगिरी के समर्थन में यहां आए हैं और हमारी मांग है कि अझगिरी को पार्टी में दुबारा वापस लिया जाए। मरीना बीच पहुंची अझगिरी समर्थक एक अन्य महिला दिव्या बोली अगर अझगिरी एमके स्टालिन के नेतृत्व में काम करने के लिए तैयार है तो उनको पार्टी में वापस ले लेना चाहिए।
रैली के दौरान सूर्य के ताप ने लोगों की हालत खराब कर दी। भीषण गर्मी के कारण समर्थक गाफिल हो उठे। गर्मी की वजह से रैली में आई महिला और अन्य समर्थकों के बेहोश हो गई। उनको पानी देकर छायादार स्थान पर ले जाया गया।
पार्टी में वापस आने को बेताब
अझगिरी ने रैली में शामिल होने से पहले कहा अगर डीएमके उन्हें वापस लेती है तो वे स्टालिन को अपना नेता मानकर उनके नेतृत्व में काम करेंगे। मरीना बीच पर जुटी समर्थकों की भीड़ ने डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन को अझगिरी की ताकत दिखाने का प्रयास किया है।भाई को कहा, दिखाऊंगा अपनी ताकत
पूर्व मुख्यमंत्री एम करुणानिधि के निधन के बाद से ही पार्टी में उठापटक शुरू हो गई थी। अझगिरी ने धमकी दी थी कि अगर उनको फिर से पार्टी में शामिल नहीं किया गया तो पार्टी को गंभीर नतीजे भुगतने होंगे। कुछ दिन पहले अझगिरी ने कहा था कि ऐसा नहीं है पार्टी कार्यकर्ता उनको महत्वपूर्ण भूमिका में नहीं देखना चाहते, उनको भी कार्यकर्ताओं का समर्थन हासिल है और समय आने पर वे अपनी ताकत दिखा देंगे।