याची हिन्दू मुनेत्र कषगम के अध्यक्ष भी हैं ने कहा कि अगर मुस्लिम संगठनों को प्रदर्शन की अनुमति दी जाती है तो शांति-व्यवस्था बिगडऩे का खतरा है। अब जब सुप्रीम कोर्ट अयोध्या रामजन्म भूमि विवाद का निपटारा कर चुका तो यह आशंका और भी प्रबल हो जाती है। टीएमएमके और एसडीपीआइ ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की निन्दा में ६ दिसम्बर को राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन आहूत किया है। इस तरह का प्रदर्शन न्यायिक प्रक्रिया की अवमानना है।
याची ने इन प्रदर्शनों को अवांछित और गैरजरूरी बताया कि देश की सबसे उच्चतम अदालत की संविधान पीठ इस विवाद पर निर्णय दे चुकी है। २३ अगस्त को उसने पुलिस महानिदेशक को अर्जी दी थी कि मुस्लिम संगठनों के इस विरोध को रोका जाए। पुलिस महानिदेशक की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने की वजह से उसे न्यायालय की शरण लेनी पड़ी।