उल्लेखनीय है कि १५ अगस्त को वलसरवाक्कम निवासी गीता नामक महिला ने बच्चे को टॉयलेट से बचाकर उसे स्वतंत्र नाम दिया था। बाद में उसे चिल्ड्रन हॉस्पिटल में भर्ती कराया। आगे के परीक्षण के बाद पता चला था कि बच्चे के खून में जीवाणु संक्रमण है। चिल्ड्रन अस्पताल के निदेशक ए.टी. अरसार ने बताया कि जब बच्चे को लाया गया था तब उसका वजन १.९ केजी था, लेकिन अब वह सामान्य हो गया है और अगर इसी तरह स्तनपान होता रहा तो वह पूरी तरह स्वस्थ्य हो जाएगा। उन्होंने कहा स्वास्थ्य मंत्री ने स्वतंत्र को बचाने को लेकर नर्सों का धन्यवाद किया। साथ ही कहा कि यहां पर बहुत से ऐसे बच्चे हैं जिनको स्तनपान की जरुरत है। ऐसे में अगर बहुत सी महिलाएं आगे आकर स्तनपान कराने को तैयार होती हैं तो सभी शिशु स्वस्थ जीवन में प्रवेश कर सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्री सी. विजयभास्कर और समाज कल्याण विभाग मंत्री वी. सरोजा ने यह शिशु बाल कल्याण समिति के सदस्यों को सौंपा। पी सरोजा ने कहा आशा करती हूं जल्द ही एक अच्छा परिवार बच्चे को गोद लेकर इसकी उसी प्रकार परवरिश करेगा जैसे अस्पताल प्रबंधन ने किया। लेकिन जब तक बच्चे को कोई गोद नहीं लेता तब तक इसे शिशु गृह में रखा जाएगा।