चीन में वुहान यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी के प्रमुख लेखक शियायिंग ली ने कहा, “हमारे परिणाम चौंकाने वाले हैं जिसका सुझाव है कि लोग टाइप-2 डायबिटीज से बचने के लिए दिन में चार कप चाय पीने जितना आसान श्रम तो कर ही सकते हैं।” यह अध्ययन शीघ्र ही स्वीडन में यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज (ईएएसडी) की वार्षिक बैठक में पेश किया जाएगा।
चाय के गुण
कुछ अध्ययनों में चाय में विभिन्न एंटीऑक्सिडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-कार्सिनोजेनिक यौगिकों के कारण नियमित रूप से चाय पीना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद बताया गया है। लेकिन इसके और मधुमेह के जोखिम के बीच संबंध पहली बार स्थापित हुआ है। दस लाख की आबादी पर हुआ विश्लेषण स्थापित करता है कि प्रति दिन प्रत्येक कप चाय का सेवन मधुमेह के विकास की जोखिम को लगभग 1 प्रतिशत कम कर देता है। इससे जुड़ा एक और अध्ययन जर्नल डायबेटोलोजिया में प्रकाशित भी हुआ है।
चाय नहीं पीने वाले वयस्कों की तुलना में, जो लोग रोजाना 1-3 कप चाय पीते हैं, उनमें मधुमेह का खतरा 4 प्रतिशत कम होता है, जबकि जो लोग हर दिन कम से कम 4 कप का सेवन करते हैं, उनके जोखिम में 17 प्रतिशत की कमी आई है।
निष्कर्ष से इतर राय
महत्वपूर्ण निष्कर्षों के बावजूद शोध लेखकों का मानना है कि यह अध्ययन अवलोकन मात्र है और यह साबित नहीं कर सकता कि चाय पीने से मधुमेह का खतरा कम हो ही जाता है, लेकिन यह संकेत देता है कि इसमें योगदान करने की संभावना है। इस शोध के प्रमुख पहलू में चाय का अधिक सेवन (4 बार) और अन्य जैविक यौगिकों का सम्मिश्रण शामिल है जिस पर उत्तरोतर शोध की आवश्यकता है।
भारत में मधुमेह
2019 के अनुमानों से पता चला है कि भारत में 77 मिलियन व्यक्तियों को मधुमेह था, जिसके 2045 तक बढकऱ 134 मिलियन से अधिक होने की संभावना है। इनमें से लगभग 57 प्रतिशत व्यक्ति बिना जांच के ही जीवन काट देते हैं।