इसके अलावा बच्चों का सही इलाज न हो पाना। इसके साथ ही वायरल संक्रमण, सीजनल वैरिएशंस तथा अभिभावकों की लापरवाही से इस तरह के मामले बढ़ रहे हैं। इसके कारण फेफड़े के रोग भी बढ़ रहे हैं। इस अभियान के तहत 15 सितम्बर से जागरूकता पैदा की जाएगी। रोगियों को रोकथाम के बारे में शिक्षित किया जाएगा। समय रहते इसका इलाज भी जरूरी है। इस तरह के प्रयासों से अटैक को रोका जा सकेगा। रोगियों को रोकथाम के बारे में शिक्षित किया जाएगा। समय रहते इसका इलाज भी जरूरी है। इस तरह के प्रयासों से अटैक को रोका जा सकेगा। इस मौके पर डा.मेहता चिल्ड्रेन्स हास्पिटल एंड चाइल्ड केयर सेंटर के डा.ए.बालाचंदर तथा सिपला के वाइस प्रेसिडेंट नित्या बालासुब्रमण्यन ने भी विचार व्यक्त किए।