यहां एक पेट्रोल पंप के सामने आयोजित प्रदर्शन में शामिल होने के बाद पत्रकारों से वार्ता में उन्होंने कहा जब यूपीए सरकार के दौरान कच्चे तेल की कीमत 130 डॉलर प्रति बैरल थी तो पेट्रोल और डीजल की कीमत 71 और 58 थी।
लेकिन भाजपा की सत्ता आने के बाद कच्चे तेल की कीमत 30 डॉलर होने पर पेट्रोल की कीमत 85 और 55 डॉलर होने पर 100 रुपए प्रति लीटर हो गई। देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सरकार ने प्रत्यक्ष करों के माध्यम से अमीरों पर कर लगाया और अप्रत्यक्ष करों को कम दर पर रख कर गरीबों को रियायात दी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इसके विपरीत कार्य कर रही है।
पिछले सात वर्षो में ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम से कम तीन गुना बढ़ा है। इसके परिणाम स्वरूप गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों पर इसका काफी बुरा प्रभाव पड़ा है। अप्रत्यक्ष करों के माध्यम से गरीबों पर भार डालने के बाद केंद्र उनकी वैक्सीन का भुगतान करने के लिए भी तैयार नहीं है। प्रधानमंत्री, जिनके नाम पर क्रिकेट स्टेडियम का उद्घाटन हुआ, ने पेट्रोल की दर 100 रुपए कर शतक लगाया है।