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चेन्नई

चरित्र से होती है मनुष्य की पहचान

उपप्रवर्तक विनयमुनि ने आयंबिल ओली के अंतर्गत चल रहे नवपद जाप के आठवें दिन मंगलवार को कहा संसार में मनुष्य के पास सब साधन है पर चरित्र नहीं है तो सब बेकार है। चारित्र नहीं होने पर मनुष्य नरक में प्रवेश करता है।
 

चेन्नईOct 24, 2018 / 11:04 am

Ritesh Ranjan

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चरित्र से होती है मनुष्य की पहचान

चेन्नई. साहुकारपेट जैन भवन में विराजित उपप्रवर्तक विनयमुनि ने आयंबिल ओली के अंतर्गत चल रहे नवपद जाप के आठवें दिन मंगलवार को कहा संसार में मनुष्य के पास सब साधन है पर चरित्र नहीं है तो सब बेकार है। चारित्र नहीं होने पर मनुष्य नरक में प्रवेश करता है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को उसके अच्छे चरित्र से ही अलग पहचान मिलती है। चरित्र की आराधना करने वाले अमर हो जाते हैं। उन्होंने कहा जप और तप के साथ अगर नवपद का जाप किया जाए तो मन शुद्ध हो जाता है। नवपद की आराधना करने से जीवन सफल होता है। मनुष्य को उसके द्वारा किए गए पुण्य के कार्य ही उसे उपर उठाते हैं। जीवन में सफल होना है तो धर्म, तप के लिए आगे रहना चाहिए। सागरमुनि ने कहा गुरु भगवंतों के उपदेश जीवन में बदलाव लाने के लिए होते हंै। उनके उपदेशों का मनुष्य अगर अनुसरण करता है तो उसका जीवन बदल जाता है। जीवन में विनय का बहुत महत्व होता है। मनुष्य को खुद में विनय का भाव लाकर मोह माया को नष्ट करते हुए मोक्ष की प्राप्ति करने का प्रयास करना चाहिए। सदगुरु से ही मनुष्य को सही राह मिलती है ऐसे में उनके चरणों में जाकर गुण प्राप्त कर आगे निकलना चाहिए। इस मानव भव को पाकर पाप करने वाले खुद के लिए नरक का मार्ग खोलते हैं। चरित्र के प्रभाव से जीवन में संयम आता है। मनुष्य को अहिंसा के पथ पर चलना चाहिए क्योंकि इस पथ पर चलने वाला अपने जीवन को बेहतर बनाता है। श्रद्धालुओं ने स्वास्तिक रूप में बैठकर नवपद ओली आराधना की। संचालन सहमंत्री पंकज कोठारी ने किया।

शतमानोत्सव व्याख्यानमाला 27 को
चेन्नई. दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा के शताब्दी वर्ष को शतमानोत्सव वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि महात्मा गांधी ने 17 जून 1918 को चेन्नई में जो तब मद्रास के नाम से जाना जाता था, इस हिन्दी प्रचार सभा की स्थापना की थी। सभा ने 17 जून को स्थापना दिवस समारोह आयोजित कर शतमानोत्सव का लोगो जारी किया है । इस अवसर पर भारत सरकार ने सौ वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में विशेष डाक टिकट भी जारी किया। सभा के शताब्दी समारोह का उद्घाटन गत 22 सितम्बर को विज्ञान भवन में राष्ट्रपति ने किया।
सालभर चलने वाले इस समारोह के तहत व्याख्यानमाला का आयोजन किया जा रहा है। आगामी 27 अक्टूबर को सभा परिसर में शतमानोत्सव व्याख्यान-हिंदी की अविराम प्रगति यात्रा विषय पर मुख्य अतिथि महामना मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी के प्रो. राममोहन पाठक, निदेशक और डीन और केन्द्रीय विदेश मंत्रालय की हिंदी समिति के सदस्य प्रो. राममोहन पाठक संबोधित करेंगे। समारोह में विशिष्ट अतिथि दक्षिण भारत हिंदी प्रचार सभा, आंध्र व तेलंगाना के अध्यक्ष पी. ओब्बैया होंगे।
स्वागत भाषण आईएएस (सेवा निवृत्त) के. दीनबन्धु देंगे तथा प्रधान सचिव एस. जयराज शतमानोत्सव के बारे में बताएंगे।
शतमानोत्सव के जनसम्पर्क अधिकारी ईश्वर करुण ने बताया कि सभा की शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एस. पार्थसारथी अध्यक्षीय भाषण देंगे और कोषाध्यक्ष सीएनवी अण्णामलै अतिथियों का अभिनन्दन करेंगे। शतमानोत्सव के सचिव टीएसवी पाण्डुरंगाराव धन्यवाद ज्ञापित करेंगे।
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