इस सूची में दूसरे नंबर पर सीएसएमटी गोंदिया विदर्भ एक्सप्रेस रही जिसमें गत वर्ष चोरी की 86 घटनाएं हुईं जबकि तीसरे नंबर पर 79 मामलों के साथ मुंबई-अमृतसर पंजाब मेल रही। सेंट्रल मुंबई डिविजन के सीनियर डिविजनल सिक्योरिटी कमिश्नर केके अशरफ ने कहा कि लंबी दूरी की ट्रेनों में चोरी की घटनाओं का आंकड़ा जुटाया गया। इसका मकसद चोरी की घटनाओं के पैटर्न को समझना है।
अशरफ ने कहा कि सभी ट्रेनों में सबसे ज्यादा चोर सुबह 4 बजे से 7 बजे के बीच मुंबई पहुंचने वाली ट्रेनों को निशाना बनाते हैं। उन्होंने कहा कि चोर इन ट्रेनों को इसलिए निशाना बनाते हैं क्योंकि उनका समय मुफीद रहता है। अशरफ ने कहा, हमने इन ट्रेनों में सुरक्षा बढ़ा दी है। आरपीएफ के आंकड़ों से पता चला है कि कन्याकुमारी एक्सप्रेस 67 मामलों के साथ चोरी की सबसे ज्यादा घटनाओं वाली सूची में चौथे नंबर पर है।
कमिश्नर ने कहा कि अमरावती एक्सप्रेस 66 मामलों के साथ पांचवें नंबर और कोणार्क एक्सप्रेस 65 मामलों के साथ छठे नंबर पर है। आरपीएफ के एक अधिकारी ने कहा, ज्यादातर मामलों में चोर बातचीत करके यात्रियों के साथ दोस्ती करते हैं और उनके सोने का इंतजार करते हैं। इसके बाद चोर पैसा, ज्वेलरी और बैग लेकर फरार हो जाते हैं।