सूचना पर पुलिस ने शनिवार रात 10.30 रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर दो को छावनी बना दिया था। इतने पुलिसकर्मी देख यात्रियों में हडक़ंप मच गया था। पुलिस, आरपीएफ और जीआरपी की संयुक्त कार्रवाई में राजस्थान गिरोह के 6 सदस्यों को पकड़ा। Gang पकडऩे के बाद चेन्नई पुलिस को सूचना दी। चेन्नई पुलिस के नेतृत्व में चार सदस्यीय दल पहुंचा। टीम ने आरोपियों से पूछताछ की जिसमें उन्होंने वारदात कबूली। पुलिस ने आरोपियों के पास से जब्त सामान से चोरी का माल बरामद किया। सोमवार को आरोपियों को पेश कर कोर्ट से ट्रांजिट रिमांड मांगेगी। इसके बाद आरोपियों को चेन्नई ले जाया जाएगा।
स्लीपर कोच एस-7 में अलग-अलग गुट में बैठे थे बदमाश
चोरी करने के बाद आरोपी शुक्रवार को लोकल का टिकट लेकर ट्रेन के रिजर्वेशन कोच नंबर एस-7 में अलग-अलग गुटों में बैठे थे। चेन्नई पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे चेक किए तो उसमें आरोपी राजस्थानी पोशाक में नजर आए थे। फिर वहां के वरिष्ठ अधिकारी मध्यप्रदेश और राजस्थान पुलिस अफसरों के संपर्क में रहे। एसपी ने शनिवार को एक्सप्रेस ट्रेन में संदिग्ध होने की सूचना दी। इस पर एएसपी अंतरसिंह कनेश ने दोनों थानों का बल तैयार कराया। आरपीएफ और जीआरपी को भी सूचना दी। उनके नेतृत्व में 50 से ज्यादा पुलिसकर्मियों ने ट्रेन की घेराबंदी कर कोच की तलाशी ली। इसमें एस-7 में अलग-अलग टुकड़ों में सात संदिग्ध पुलिस ने हिरासत में लिए। रात करीब 3 बजे तक पुलिस ने कागजी कार्रवाई पूरी की। इसके बाद चेन्नई पुलिस को खबर की।
रेकी कर लूट की वारदात को देते थे अंजाम
पुलिस ने बताया कि अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया है कि वह महानगर के इलाके की रेकी कर वहां बने मकानों को पहले चिन्हित करते थे और अपने साथियों को चिन्हित घर के सदस्यों और उनके गतिविधियों के बारे में जानकारी जुटाते थे। इसके बाद मौका पाकर लूट की वारदात को अंजाम देते थे। चोरों के गिरोह ने वर्ष २०१७ में भी चोरी और लूटपाट के कई वारदातों में शामिल रहा है।