–कोर्ट के मामले में नहीं देंगे दखल अगर कोर्ट सातों की रिहाई की अनुमति देता है तो उसका हम विरोध नहीं करेंगे। ऐसे में रिहाई के लिए राजनीति दबाव क्यों बनाया जा रहा है? साथ ही अलगिरी ने नाम तमिझर कच्ची के नेता सीमन के विक्रवांडी में चुनाव प्रचार के दौरान विवादित बयान की भी निंदा की। उन्होंने कहा राजीव गांधी ने श्रीलंका में शांति लाने और तमिलों के मुद्दो को सुलझाने के लिए अथक प्रयास किया। शांति लाने की कोशिश में उन्होंने अपनी जान तक गवा दी। लेकिन सीमन उस हत्या को सही ठहरा रहे हैं जिसकी सभी को निंदा करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने सीमन की टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ उचित कार्रवाई की भी मांग की।
उल्लेखनीय है कि पिछले सप्ताह ही रामदास अपने बेटे के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात कर रिहाई में तेजी लाने को लेकर एक ज्ञापन सौंपा था। मोदी को सौंपे गए ज्ञापन मेें रामदास ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को रिहाई को लेकर तय करने की अनुमति प्रदान की थी। उसके बाद पिछले साल ९ सितंबर को राज्य सरकार ने सातों की रिहाई के लिए प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को भी सौंप दिया था। लेकिन राज्यपाल की ओर से इस मसले पर किसी प्रकार का कदम नहीं उठाया गया है।