कंटेनमेंट जोन का 50 प्रतिशत और बाकी का 50 प्रतिशत परीक्षण किया जाना चाहिए। कुछ परीक्षण से सेल्फ रिपोर्टिंग के लिए आरक्षित होने चाहिए। फोन पर समाचार देने वालों का भी कोविड परीक्षण किया जाना चाहिए। जब किसी व्यक्ति के कोरोना से संक्रमित होने का संदेह होता है, तो उसके लिए उठाये जाने वाले कदम मजबूत करने की आवश्यकता होती है। इसलिए स्थानीय प्रोटोकॉल विकसित करें और प्रत्येक घर में जाने पर घर के एसवीपी को सूचित करें।
अगले 90 दिनों में हर घर में परीक्षण होना चाहिए। प्रत्येक पीएचडी में एक कोरोना नमूना संग्रह केंद्र होना चाहिए। प्रत्येक ग्राम सचिवालय को एक होर्डिंग लगाना चाहिए जिस पर कोरोना वायरस सम्बंधी जानकारी उपलब्ध हो और साथ ही फोन नंबर जो भी संपर्क में हो और परीक्षा के लिए कहां जाना है, इस का न्यूनतम विवरण शामिल होना चाहिए। उप-केंद्रों के बाद प्रत्येक गांव में चिकित्सा सेवाएं और शहरी क्षेत्रों में जनसंख्या पर ध्यान देने के साथ ही शहरी स्वास्थ्य केंद्रों की योजना बनाई जानी चाहिए। शहरी क्षेत्रों में कोविद की रोकथाम के लिए एक विशेष रणनीति तैयार की जानी चाहिए। शहरी क्षेत्रों की आबादी के आधार पर सीएमसी ने कहा कि जहां आवश्यक हो, शहरी स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किया जाना चाहिए।