इस बीच उनको पता चला कि कोरोना महामारी की वजह से लॉक डाउन लागू हो गया है। इन मछुआरों ने जलमार्ग से ही कडलूर लौटना तय किया। लक्षद्वीप से समंदर के जरिए इनकी यंत्रीकृत बोट १५ दिन पहले पामबन पहुंची। ये लोग पामबन के वलैकुड़ा तट के पास समंदर में थे। उनको दूसरी ओर जाने के लिए पामबन रेलवे ब्रिज पार करना था।
इन मछुआरों ने पंद्रह दिन तक इस ब्रिज के खुलने की प्रतीक्षा की। उनका इंतजार शनिवार दोपहर समाप्त हुआ जब रामनाथपुरम जिला कलक्टर के. वीरराघव राव ने रेलवे के लिफ्टिंग ब्रिज को खोलने की अनुमति दी। ब्रिज खुलते ही दो बड़े बोट में प्रतीक्षारत २० मछुआरे समुद्री मार्ग से कडलूर के लिए रवाना हो गए।