रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को चेन्नई के कलैवानर अरंगम में दो दिवसीय रक्षा उद्योग विकास सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर यह जानकारी दी। रक्षा उत्पादन विभाग की ओर से आयोजित इस सम्मेलन में एयरोस्पेस, लैंड सिस्टम्स, नौसैनिक उपकरणों पर ब्रेकआउट सेशन हुआ। सम्मेलन की उद्देश्य केन्द्र सरकार की मेक इन इंडिया पहल के तहत रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने के लिए निजी उद्योगों के साथ नए समझौते करने हैं।
सम्मेलन स्वदेशीकरण, आयात विकल्प, तकनीकी समिश्रण पर केन्द्रित है। यह आयोजन रक्षा निर्माण में निजी उद्योगों खासतौर पर मध्यम, लघु एवं सुक्ष्म उद्योगों की भागीदारी बढ़ाने की रक्षा मंत्रालय की पहल का हिस्सा है। सीतारमण ने अग्नि-5 के सफल प्रक्षेपण पर खुशी जाहिर की तथा कहा कि यह तमिलनाडु का बड़ा हिस्सा रहा है।
तमिलनाडु सरकार विशेष एयरोस्पेस एवं डिफेंस पालिसी ला रही है जिसके जरिए एक लाख लोगों को रोजगार मिल सकेगा। श्रीपेरम्बुदूर में चेन्नई एयरोस्पेस पार्क इसी की शुरुआत है। पहले चरण में यह पार्क 250 एकड़ में विकसित किया जाएगा जिसे दूसरे चरण में 500 एकड़ किया जाएगा।
बढ़ रहा है एयरोस्पेस का दायरा
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी ने कहा कि तमिलनाडु के 70 इंजीनियरिंग कालेजों में एयरोस्पेसा की पढ़ाई कराई जा रही है और हर साल 5000 एयरोस्पेस इंजीनियर तैयार हो रहे हैं। हमारे तकनीशियन एवं इंजीनियर समूचे विश्व में एयरोस्पेस कंपनियों में रोजगार पा रहे हैं।
निर्यात की दिशा में बढ़ा रहे कदम
रक्षा उत्पादन सचिव अजय कुमार ने कहा कि तमिलनाडु में कई ओटोमोबाइल उत्पादन इकाइयां हैं। एक्सपो के माध्यम से रक्षा विनिर्माण के क्षेत्र में और गति आएगी। 2010 से 2014 के दौरान विश्व में भारत सबसे बड़ा रक्षा उपकरणों का आयातक रहा है। निजी उद्योगों की सक्रिय भागीदारी से ही देश निर्यातक बनने की दिशा में आगे बढ़ सकता है।