चेन्नई

दिनकरण गुट करेगा शक्ति प्रदर्शन

एआईएडीएमके के ईपीएस और ओपीएस खेमों में विलय की कोशिशों के बीच टीटीवी दिनकरण के समर्थक नेताओं ने मदुरै के मेलूर में सोमवार को आयोजित होने

चेन्नईAug 14, 2017 / 10:46 pm

शंकर शर्मा

TTV Dinakaran

चेन्नई. एआईएडीएमके के ईपीएस और ओपीएस खेमों में विलय की कोशिशों के बीच टीटीवी दिनकरण के समर्थक नेताओं ने मदुरै के मेलूर में सोमवार को आयोजित होने वाले एमजीआर जन्मशती समारोह में शक्ति प्रदर्शन करने की तैयारियां पूरी कर ली है। टीटीवी दिनकरण इस कार्य को संबोधित करेंगे।

एआईएडीएमके की पूर्व महासचिव जे. जयललिता जब २२ सितम्बर २०१६ को अस्पताल में भर्ती हुई तब से लेकर पार्टी ने कोई बड़ा आयोजन नहीं किया है जबकि उनके निधन के बाद एक औपचारिक महापरिषद की बैठक अवश्य दिसम्बर महीने में हुई। फिर सत्ता व पार्टी में रुतबे व पद का संघर्ष आरंभ हो गया।


तीन धड़ों में विभक्त पार्टी के नेता स्वयं की दावेदारी पेश कर रहे हैं। इस कड़ी में टीटीवी कैंप मदुरै में जन्मशती समारोह के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं के मनोबल को ऊंचा उठाने की कोशिश में है।


दिनकरण के समर्थक विधायक तंग तमिलसेल्वम ने कहा कि पार्टी गत एक साल में हाशिये पर पहुंच गई है। पार्टी के कार्यकर्ता पूरी तरह से स्वयं को निष्क्रिय अवस्था में पा रहे हैं। इसलिए हम जनसभाओं के जरिए उनको सक्रिय करने की कोशिश में हैं।


एमजीआर जन्मशती समारोह की आयोजन समिति के अध्यक्ष आर. सामी का कहना है कि इस सम्मेलन से हम अपनी शक्ति और बल का प्रदर्शन करेंगे। वे एमजीआर का समारोह राजकीय आयोजन के रूप में आयोजित कर रहे हैं।
हमारा आयोजन पार्टी की ओर से है। यह कार्यक्रम एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित होगा। दिनकरण इस आमसभा में संबोधन के अलावा २३ अगस्त को नार्थ चेन्नई और २९ अगस्त को तेनी में होने वाली आमसभाओं में भी शिरकत करेंगे।


आंडीपट्टी विधायक तंग तमिलसेल्वम ने बताया कि तेनी में दिनकरण के स्वागत और संबोधन की व्यापक तैयारियां की गई है। वहां आयोजित होने वाली सभा में एक लाख से अधिक कार्यकर्ता शामिल होंगे।


उल्लेखनीय है कि पार्टी में दिनकरण का भाग्य भी घड़ी के पैंडलूम की तरह डोल ही रहा है। जे. जयललिता द्वारा पार्टी से हटाए जाने के बाद उनको मौसी वीके शशिकला के जरिए पार्टी में प्रवेश मिला। शशिकला के जेल जाने के साथ ही उनको उपमहासचिव बना दिया गया। पार्टी के बंटने और चुनाव चिन्ह को जब्त किए जाने के बाद वे चुनाव आयोग के अधिकारी को कथित रूप से रिश्वत देने की पेशकश मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए।


करीब एक महीने तक तिहाड़ जेल में रहने के बाद वे छूटे और उन्होंने ईपीएस के खिलाफ नया मोर्चा विकसित कर दिया। कुछ दिनों पहले उन्होंने बतौर उपमहासचिव नई नियुक्तियां कर मुख्यमंत्री के अस्तित्व को खतरे में डालने की कोशिश की। नतीजतन शशिकला और उनके खिलाफ मुख्यमंत्री और अन्य मंत्रियों के समूह ने प्रस्ताव पारित किया जिससे बवाल खड़ा हो गया।

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