डीएमके ने जारी किया चुनावी घोषणा पत्र : सरकार में आए तो राज्य को दिलाएंगे नीट परीक्षा से छूट
चुनावी वादों का आगाज:

चेन्नई. अपने संरक्षक कलैनार करुणानिधि के बाद पहली बार आम चुनाव के मैदान में उतरी डीएमके ने उम्मीदवारों की घोषणा के दो दिन बाद ही अपने चुनावी घोषणा पत्र भी जारी कर दिया है।
डीएमके के अध्यक्ष 20 मार्च से तिरुवारुर से अपना चुनावी दौरा शुरु करने वाले हैं। इसके ठीक एक दिन पहले मंगलवार को जारी मेनीफेस्टो में छात्रों से लेकर कृषकों तक सभी को लुभाने की तैयारी की गई है।
मेनीफेस्टो के मुख्य आर्कषण
76 पन्नो के इस पत्र में मतदाताओं के लिए हर समूह और प्रत्येक क्षेत्र से संबंधित 100 मुद्दों को शामिल किया गया है। डीएमके ने वरिष्ठ नागरिकों के हित को ध्यान में रखकर पुरानी पेंशन योजना को फिर लाने का साथ ही युवाओं को मनरेगा के तहत 150 दिन रोजगार की गारंटी देने, प्रदेश के छात्रों का एजुकेशन लोन माफ करने, स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए मुफ्त रेल सुविधा देने का वादा किया है। डीएमके ने घोषणा पत्र में राज्य में नीट परीक्षा को समाप्त करने का वादा किया है। गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवार की महिलाओं को 50,000 तक ऋण देने की घोषणा की गई है। पेट्रोल और डीजल की के नियंत्रण मूल्यों को फिर जारी करने और राजमार्गो से टोल शुल्क को समाप्त करने की घोषणा की है। घोषणापत्र में कृषि के लिए एक अलग बजट रखा गया है और आई-टी में 8 लाख रु. तक की छूट की घोषणा भी की गई है। घोषणा पत्र में कहा गया है कि राफेल खरीद और काले धन के मामले की निष्पक्ष जांच की मांग के साथ ही कोडनाड एस्टेट प्रकरण की सीबीआई जांच की मांग की जाएगी।
पुदुचेरी के लिए पूर्ण राज्य का दर्जा देने की घोषणा भी की गई है। श्रीलंकाई शरणार्थियों को नागरिकता दिलाने की बात भी है। डीएमके सत्ता में आने पर तमिल भाषा को तमिलनाडु में केंद्र सरकार के कार्यालयों में आधिकारिक भाषा बनाएगी।
उल्लेखनीय है कि पूरे देश में सात चरणों में संसदीय चुनाव कराया जाना है। पुदुचेरी और तमिलनाडु में दूसरे चरण में 18 अप्रेल को चुनाव होने वाले हैं।
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