बीनू ने मीडिया को बताया मुझे अपने एनकाउंटर होने का पता चला इसलिए पुलिस में सरेंडर कर दिया। समर्पण करने के बाद बीनू ने बताया कि वह कोई डॉन या राउड़ी नहीं है। पुलिस और मीडिया ने उसे बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया है। बीनू के अंबत्तूर पुलिस में सरेंडर होने का वीडियो और संदेश सोशल मीडिया और ऐप पर वायरल हो गया।
उसने बताया कि मेरा नाम बीनू है। मेरा जन्म चूलैमेडु में हुआ और वहीं पला-बढ़ा हूं। मेरी उम्र ५० है और डायबिटीज, बीपी सहित कई बीमारियों से ग्रस्त हूं। गलत संगत में पडऩे की वजह से मुझ पर कई आपराधिक मामले दर्ज हैं। कई बार जेल भी जा चुका हूं। लेकिन अब सुधरना चाहता हूं इसलिए जेल से जमानत पर रिहा होने के बाद गायब हो गया था। मैं पिछले तीन साल से करुर जिले में था। इसकी मेरे भाई के अलावा किसी को कोई खबर नहीं थी।
जन्मदिन की पार्टी बनी मुसीबत
मेरे भाई ने मुझे जन्मदिन की पार्टी करने के लिए चेन्नई बुलाया था जिससे परेशानी खड़ी हो गई। कई लोगों के कहने पर मैं चेन्नई आ गया। मेरे भाई ने मुझे बताया कि मांगाडु में उसने मेरे लिए सरप्राइज पार्टी की व्यवस्था की है।
उसने मेरे कई पुराने दोस्तों के साथ अपराधियों को भी इस पार्टी का न्यौता दिया था। यह सोचकर कि अगर मैं चेन्नई नहीं जाऊंगा तो सभी बुरा मान जाएंगे इसलिए यहां आ गया। गडबड़ होने के डर से उसने अपने भाई को जन्मदिन की पार्टी नहीं करने को कहा था लेकिन नहीं माना। उसने कहा था कि केक काटने के बाद वह वहां से चला जाए। पार्टी के दौरान उसने मुझे बांका दिया और केक काटने को कहा और मंैने वैसे ही किया।
पुलिस ने घेरा
उसने बताया कि पुराने दोस्त और कई अपराधियों के बीच केक काटने के बाद वह वहां से जाने ही वाला था, उसी दौरान महानगर पुलिस ने उनको चारों ओर से घेर लिया। मैं चारों ओर पुलिसकर्मी देखने के बावजूद किसी तरह वहां से भागने में कामयाब हो गया।
भागने के बाद महानगर पुलिस की अलग अलग टीमें मेरी तलाश में कई स्थानों पर दबिश दे रही थी। पुलिस मेरे ठिकाने का सुराग लगते ही उक्त स्थान पर दबिश दे रही थी। इसी दौरान मुझे सूचना मिली कि मेरा एनकाउंट होने वाला है इसलिए मैं ज्यादा दिनों तक छिपकर नहीं सकता यह सोचकर मैंने सरेंडर कर दिया। मुझे माफ कर दीजिए। मैं बड़ा राउड़ी नहीं हूं। अब पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।