विशिष्ट अतिथि आईआईटी मद्रास के निदेशक प्रो.भास्कर राममूर्ति थे। उन्होंने प्रायोगिक अधिगम की महत्ता पर बल दिया। साथ ही कहा कि महाविद्यालय ऐसी विधियों पर विचार करें। उन्होंने कहा कि पाठ्यक्रम एवं प्रायोगिक ज्ञान के बीच की खाई को पाटने की जरूरत है। यदि 15 प्रतिशत भी इंजीनियरिंग के छात्र उद्यमी बनते हैं तो भारत का चेहरा बदल जाएगा। पीएएलएस ऑल आईआईटी एलुमनी की शैक्षणिक पहल है। सम्मेलन के मुख्य वक्ताओं में पीएएलएस के चेयरमैन मोहन नारायणन ने इसके 28 पार्टनर संस्थान हैं। इस साल 12 कार्यक्रम किए गए हैं। इसके बाद पुरस्कार तथा प्रमाण पत्र वितरण का कार्यक्रम आयोजित किया गया।