तमिलनाडु के पिछले तीन साल के आंकड़ों पर गौर करें तो सर्वाधिक हत्याओं का कारण पारिवारिक विवाद ही सामने आया है। हालांकि यह संतोषजनक बात है कि पिछले तीन साल में हत्याओं के मामले में कमी आई है। वर्ष 2015 में 1641 हत्या के मामले दर्ज किए गए। वर्ष 2016 में 1511 तथा वर्ष 2017 में 1466 हत्या के मामले दर्ज हुए। अगर हत्याओं के कारणों पर गौर किया जाएं तो पारिवारिक मामलों के चलते प्रदेश में हत्या के मामले अधिक सामने आ रहे हैं।
वर्ष 2015 में 1641 हत्या के मामले में सर्वाधिक 418 हत्या के कारण पारिवारिक विवाद रहा। 341 मामलों में हत्या का कारण शब्दों को लेकर बोलचाल रही। पुरानी दुश्मनी के चलते 278 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया। प्रेम प्रसंग के चलते 264 हत्याएं हुई। वहीं 119 मामलों में भूमि विवाद हत्या का कारण बना।
वर्ष 2016 में 1511 हत्या के मामलों में 411 हत्या के मामलों में पारिवारिक विवाद ही कारण बना। 284 मामलों में हत्या का कारण शब्दों को लेकर बोलचाल रही। पुरानी दुश्मनी के चलते 272 हत्याएं हुईं।
प्रेम प्रसंग के चलते 248 लोगों की हत्या कर दी गई। भूमि विवाद के चलते 107 हत्या के मामले सामने आए। वर्ष 2017 में हत्या के मामले में पिछले वर्ष की तुलना में कमी आई। इस साल 1466 हत्या के मामलों में सर्वाधिक 381 मामलों में हत्या का कारण पारिवारिक विवाद रहा। वहीं 281 मामलों में हत्या का कारण शब्दों को लेकर बोलचाल रहा। पुरानी दुश्मनी के चलते 238 हत्याएं हुईं। प्रेम संबंध 228 हत्याएं हुईं। भूमि विवाद के चलते 108 हत्याएं हुईं।
प्रदेश में राजनीतिक कारणों से वर्ष 2015 में 3 हत्याएं हुईं। वर्ष 2016 तथा 2017 में 2-2 हत्याएं हुईं। दहेज के चलते वर्ष 2015 में 6 हत्याएं, 2016 में भी 6 हत्याएं तथा 2017 में 4 हत्याएं हुईं।
इसी तरह वर्ष 2015 में हत्या के प्रयास के 2935 मामले सामने आए। वर्ष 2016 में 2666 मामले तथा वर्ष 2017 में 2460 मामले सामने आए।