पुलिसकर्मियों ने सात घंटों तक की पिटाई- CBI
चार्जशीट में कहा गया है कि फॉरेंसिक सबूतों में यह बात सामने आई है कि दोनों बाप-बेटों को इतनी बुरी तरह से पीटा गया कि खून के छीटें दीवारों पर पड़े मिले थे। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि बेनिक्स को काफी चोटें लगी थी, जिसके कारण उसकी मौत हो गई थी। पुलिसवालों ने ही बेनिक्स के कपड़ों से खून को पुंछवाया था।
पुलिस ने दर्ज की झूठी एफआईआर-सीबीआई
सीबीआई ने यह भी कहा कि अपराध को छिपाने के लिए पुलिस ने झूठी एफआईआर दर्ज की थी। इतना ही नहीं जिस लॉकडाउन के नियमों को उल्लंघन करने के आरोप में पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया गया था, वह सच नहीं था। चार्जशीट में यह भी कहा गया है कि पुलिस ने सारे सबूत मिटा दिए थे और सरकारी हॉस्पिटल के कूड़ेदान में खून से सने कपड़ों को फेंक दिया गया था।
थाने की सीसीटीवी फुटेज थी गायब
जांच में यह भी सामने आया कि जिस दिन दोनों के साथ मारपीट की गई थी, उस दिन की सीसीटीवी फुटेज भी गायब थी। अदालत को जानकारी दी गई कि सिस्टम में पर्याप्त स्पेस होने के बावजूद पुलिस थाने के कैमरों की सेटिंग ऐसे की गई थी कि ये फुटेज एक दिन बाद अपने आप डिलीट हो जाए।
कुछ घंटों के अंतराल पर मौत
सीबीआई ने कहा कि जांच में यह बात भी सामने आई है कि दोनों बाप-बेटों की मौत 22 जून की रात कुछ घंटों के अंतराल पर हुई थी। गौरतलब है कि 10 जून को पुलिस वालं ने लॉकडाउन के नियमों को उल्लंघन करने के आरोप में पहले जयराज को गिरफ्तार किया था। बाद में पुलिस स्टेशन पहुंचे उनके बेटे बेनिक्स को गिरफ्तार कर लिया गया था।