ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से जिन कर्मचारियों की मौत हुई है उनके परिवार को सहायता राशि के तौर पर दिए जाएंगे। कोरोना संक्रमण काल में राहत कार्य और तैयारियों की गतिविधियों में शामिल जिनकी मौत कोरोना से हुई है, उनके परिजनों को राशि के तौर पर दिया जाएगा। यह अनुग्रह सहायता देश में रिपोर्ट किए गए पहले कोविड-19 मामले की तारीख से लागू होगी और आपदा के रूप में या अगले आदेश तक कोविड-19 की गैर-अधिसूचना तक जारी रहेगी। आदेश के अनुसार फ्रंटलाइन वर्कर्स (25 लाख रुपए), माता-पिता दोनों को खोने वाले बच्चे (पांच लाख रुपए), माता-पिता में से एक को खोने वाले (तीन लाख रुपए) को मुख्यमंत्री जन राहत कोष के तहत कोविड से हुई मौत के लिए अनुग्रह राशि दी गई है। उन्हें इससे बाहर रखा जाएगा।
कोरोना संक्रमण से जिन लोगों की मृत्यु हुई है उनके परिजनों को जल्द से जल्द सहायता राशि मिल सके इसलिए सरकार ने जिम्मेदार अधिकारियों को सहायता राशि के संदर्भ में धनराशि जुटाने के निर्देश दिए हैं। सहायता राशि का वितरण करने के लिए सभी जिलाधिकारियों को तैयारियां सुनिश्चित करने के निर्देश जारी किए गए हैं। शासन स्तर से जल्द मदद के वितरण को लेकर विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।
ज्ञातव्य है कि कोरोना प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने में ढिलाई बरतने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों को फटकार लगाई है।