इस प्रकार से राज्य सरकार हर संभव कदम उठा कर आरक्षण के तहत आने वाले विद्यार्थियों की मदद करेगी, ताकि उच्च शिक्षा संभव हो सके। स्टालिन ने कहा कि राज्य सरकार राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (नीट) के खिलाफ अपनी लड़ाई को जारी रखेगी। विद्यार्थियों को इससे प्रभावित नहीं होने दिया जाएगा।
ज्ञातव्य है कि तमिलनाडु सरकार ने इंजीनियरिंग, कृषि, मत्स्य पालन और कानून जैसे व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में सरकारी स्कूलों के छात्रों को 7.५ प्रतिशत आरक्षण प्रदान करने के लिए एक विधेयक पारित किया था। यह कोटा उन छात्रों पर लागू होगा, जिन्होंने राज्य के सरकारी स्कूलों में कक्षा छह से 12 तक की पढ़ाई की है।
छात्रों के लिए विशेष आरक्षण का निर्णय न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) डी. मुरुगेसन के नेतृत्व वाली समिति की सिफारिशों पर आधारित है। डीएमके सरकार ने 15 जून को अध्यन कर रिपोर्ट तैयार करने के लिए समिति का गठन किया था। समिति ने व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में सरकारी स्कूल के छात्रों के खराब प्रतिनिधित्व के कारणों की जांच की और इस मुद्दे के समाधान के लिए उपचारात्मक उपायों की सिफारिश की। उसके बाद 7.५ प्रतिशत आरक्षण के संबंध में एक विधेयक पास किया गया।