व्यवसाय की योजना बनाएं
जो व्यापारी अपने वित्त का प्रबंधन करने और अपने व्यवसाय को प्रभावी ढंग से चलाने में विफल रहेंगे, वे जीएसटी के तहत रिकवर नहीं कर पाएंगे। जीएसटी के कारण अपने बकाया भुगतान करने में एक महीने का डिफ़ॉल्ट भी होगा, जिसके परिणामस्वरूप इनपुट जीएसटी प्रतिबंधों के कारण अपने ग्राहकों द्वारा एक विक्रेता के रूप में सूचीबद्ध ब्लैक मिल जाएगा और इस तरह उनके व्यापार स्थिरता या अस्तित्व के लिए एक गंभीर खतरा पैदा होगा। विकास के साथ तालमेल रखने के लिए 3 सर्वश्रेष्ठ व्यावसायिक चीजों को अपनाना होगा। इसमें विभिन्न इनपुट / आउटपुट टैक्स सामंजस्य पर ध्यान केंद्रित करने वाली एक समर्पित टीम की स्थापना करें। अयोग्य / अवरुद्ध इनपुट टैक्स क्रेडिट के कारण संभावित आकस्मिकताओं के लिए अतिरिक्त कार्यशील पूंजी के साथ व्यवसाय की योजना बनाएं और सुसज्जित करें औऱ वैधानिक सामंजस्य और अनुपालन के लिए व्यावसायिक प्रक्रिया स्वचालन उपकरण और अनुप्रयोगों में निवेश करें।
– अमित पी. नाहर, लीडिंग बिजनस कोच, चेन्नई।
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सरकार को व्यापारियों की चिंता नहीं
जीएसटी में लगातार होते बदलावों से व्यवसायी ज्यादा परेशान हो रहा है। एक बदलाव ढंग से समझते ही नहीं है कि दूसरे बदलाव आ जाते है। नए नियमों से चालू पूंजी पर दवाब बढता जा रहा है। पहले से कोरोनाकाल में पूंजी की कमी है। ऊपर से नए नियमों से और दवाब बढेगा। जीएसटी सरलीकरण की जगह और जटिल होती जा रही है। जीएसटी कौंसिल में जब तक व्यापारी बंधुऔं को प्रतिनिधित्व नहीं मिलेगा तब अधिकारी अपनी मनमर्जी थोपते रहेंगे। सरकार सिर्फ अपने राजस्व के प्रति चिन्तित है। लगता है सरकार को व्यापारियों की चिन्ता तनिक भी नहीं है।
– सुरेन्द्र व्यास, बिजनेसमैन, चेन्नई।
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जीएसटी नियमों को सरल बनाएं
इन प्रावधानों से पहले से ही नकदी की किल्लत झेल रहे व्यापारियों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। वैश्विक महामारी के इस दौर में छोटे और मंझोले कारोबारी पहले ही बड़े नुकसान का सामना कर रहे हैं और लाखों कारोबारियों के लिए व्यापार में बने रहना भी लगातार मुश्किल हो रहा है। इसके बावजूद जीएसटी काउंसिल नियमों को और सख्त बनाकर ईमानदार व्यापारियों के लिए हालात खराब कर रही है।
– लालेश कांकरियां, बिजनेसमैन, चेन्नई।
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रिटेलर्स व ट्रेडर्स को मिले राहत
कोरोना पर काबू पाने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के बाद सरकार ने बहुत से सेक्टर्स के लिए राहत पैकेज की घोषणा की थी। लेकिन, रिटेलर्स और ट्रेडर्स को राहत देने के लिए सरकार की तरफ से अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी लॉकडाउन के दौरान आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई जारी रखने के लिए व्यापारियों की ओर से की गई कोशिशों की प्रशंसा की थी, पर इन्हें सरकारी प्रोत्साहन के रूप में कुछ भी नहीं मिला।
– महेश चन्द्र सिंघल, गारमेन्ट व्यापारी, चेन्नई।
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