बोर्ड की ओर से जारी एक वक्तव्य में कहा गया, “तलाशी में लगभग 150 करोड़ रुपए के निवेश की पहचान की गई जिसका कोई लेखा जोखा उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा पांच करोड़ रुपए नकद जब्त किए गए।” वक्तव्य में कहा गया, “कुछ लॉकर अभी खोले जाने बाकी हैं। मामले की जांच चल रही है।”
स्कूल की कमाई रियल एस्टेट में लगाई
छापों से इस बात के साक्ष्य मिले हैं कि फीस को बहीखाते से छिपाने की बात सही है और बड़ी राशि इन संस्थाओं के ट्रस्टियों के व्यक्तिगत खातों में ट्रांसफर की जा रही थीं। ये ट्रस्टी इन पैसों को एक कंपनी के माध्यम से रियल एस्टेट में लगा रहे थे। इस कंपनी के दूसरे हिस्सेदारों में तिरुपुर का एक आर्किटेक्ट और एक कपड़ा कारोबारी भी शामिल है। छापे के दौरान तमाम इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त किया गया है और उनकी जांच की जा रही है।