आईआईटी-मद्रास के निदेशक प्रोफेसर भास्कर राममूर्ति ने कहा कि इंडो-जर्मन सेन्टर में कई योजनाएं चल रही हैं इनमें अपशिष्ट प्रबंधन, भूमि उपयोग सरीखी योजनाएं काफी उपयोगी है। अब जलवायु परिवर्तन के चलते तटीय प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। आईआईटी मद्रास ने 37 बड़े उत्कृष्ट संस्थानों की स्थापना की है। इसके साथ ही हर साल एक हजार प्रोजेक्ट किए जा रहे हैं। इनमें 250 भारतीय कंपनियां एवं कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियां रुचि दिखा रही है।
प्रोफेसर उलरिच रूदिगर ने कहा जर्मनी के इस संस्थान में कई भारतीय विद्यार्थी अध्ययन कर चुके हैं। वर्ष 2016 में इंडो-जर्मन पार्टनरशिप के तहत यूजीसी की ओर सहायता राशि स्वीकृत की गई।