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चेन्नई

90 करोड़ की लागत से जालोर में पहली बार बनेंगी इंटरलॉकिंग सड़कें

90 करोड़ की लागत से जालोर में पहली बार बनेंगी इंटरलॉकिंग सड़कें, 817 गांव होंगे लाभान्वित- जालोर जिला प्रमुख राजेश कुमार गोयल की राजस्थान पत्रिका से विशेष बातचीत

चेन्नईMar 02, 2021 / 06:38 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

jalore

RAJESH KUMAR GOYAL

चेन्नई. जालोर जिले में 90 करोड़ की लागत से इंटरलॉकिंग सिस्टम से सड़कें बनाई जाएगी। इससे 817 गांव लाभान्वित होंगे। महानरेगा के तहत यह सड़कें बनेंगी। जिले में पहली बार इस तरह से सड़कों का निर्माण करवाया जा रहा है। इस तरह की सड़कें अपेक्षाकृत अधिक टिकाऊ होगी। जालोर जिला प्रमुख राजेश कुमार गोयल ने राजस्थान पत्रिका के साथ विशेष बातचीत में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इससे सड़कों व आसपास का सौंदर्यकरण निखर सकेगा। इसके लिए काम शुरू हो चुका है।
स्कूलों में लगेंगे झूले
उन्होंने बताया कि जालोर जिले की सभी 307 ग्राम पंचायतों की बारहवीं स्कूलों में झूले लगाए जाएंगे। एक झूले की लागत करीब एक लाख रुपए आएगी। इसके साथ ही खेल मैदान विकसित किए जा रहे हैं। मौजूदा समय में कई स्कूलों में खेल मैदान तो हैं लेकिन खेल सुविधाओं का अभाव नजर आता है। ऐसे में आधुनिक झूले लगाने से जहां स्कूलों में सौदर्यकरण में इजाफा होगा वहीं विद्यार्थियों को खेल सुविधाएं भी सुलभ हो सकेगी।
आवास योजना में 53 हजार मकान
जिला प्रमुख ने बताया कि जालोर जिले में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 53 हजार आवास बने हैं। इसकी तीसरी किश्त उपलब्ध करवाई गई है। इसके साथ ही वर्ष 2019-20 का फसल बीमा का लाभ किसानों को मिला है। इसके तहत 121 करोड़ की राशि सीधे किसानों के खाते में डाली गई है। सभी बकाया के लिए संबंधित अधिकारियों एवं विभागों को निर्देश दिया गया है।
बनेंगे आदर्श श्मशान घाट
गोयल ने बताया कि गांवों में आदर्श श्मशान घाट बनाए जा रहे हैं। यहां सघन पौधरोपण किया जाएगा और पानी के लिए टांका, चारदीवारी, हॉल बनाए जाएंगे। सभी तालाब मॉडल बनाए जा रहे हैं। इससे तालाबों का सौंदर्यकरण भी निखर सकेगा। इसके लिए कार्यादेश जारी कर दिए गए है। वर्तमान में बारिश एवं गर्मी के समय बहुत परेशानी झेलनी पड़ती है।
14 हजार बच्चों को पालनहार योजना का लाभ
पालनहार योजना के तहत जालोर जिले में 14 हजार बच्चों को एक साल की राशि उपलब्ध कराई गई है। इसकी बेहतर निगरानी के लिए शिक्षा विभाग को कहा गया है। जिले में पालनहार योजना से जुड़े किसी भी व्यक्ति के भुगतान में किसी भी स्तर पर देरी न हो। संबंधित को समय पर भुगतान हो इसकी व्यवस्था की गई है।
जालोर को श्रेष्ठ जिला बनाना
एक सवाल के जवाब में जिला प्रमुख ने कहा कि उनका ध्येय यही है कि जालोर जिले की गिनती राजस्थान के श्रेष्ठ जिलों में हो। इसी भावना को लेकर काम करने की इच्छा है। सभी के सहयोग से विकास के कामों को उंचाइयों पर ले जाएंगे। उन्होंने बताया कि वे लोगों से सीधे संवाद कर रहे हैं। कोई भी उन्हें जिले के विकास को लेकर अपने सुझाव दे सकते हैं। अच्छे सुझावों का स्वागत है। जालोर जिले के लोग बड़ी संख्या में दक्षिणी एवं अन्य राज्यो में व्यवसाय कर रहे हैं। उनसे भी आगामी दिनों मे व्यक्तिगत रूप से मिलकर सुझाव लिए जाएंगे और जालोर जिले में उन सुझावों पर अमल के प्रयास किए जाएंगे।
जीवन परिचय
राजेश कुमार गोयल दूसरी बार जिला परिषद सदस्य चुने गए। खास बात यह है कि दोनों ही बार अलग-अलग क्षेत्रों से चुनाव जीता। जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय जोधपुर से हिंदी साहित्य एवं राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर तक पढ़े गोयल रानीवाड़ा पंचायत समिति क्षेत्र के वाड़ा भोजा निवासी है। वे भाजपा से भी लम्बे समय से जुड़े हुए है तथा विभिन्न पदों पर सेवाएं दे चुके हैं।

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