कुछ नहीं था जल्लीकट्टू का विरोध प्रदर्शन जल्लीकट्टू तो सिर्फ विरोध प्रदर्शन था। हमारी भाषा के लिए जंग उससे कई गुना ज्यादा होगी। राष्ट्रगान भी बांग्ला में होता है, उनकी मातृभाषा में नहीं। वह जिस बात का प्रतीक है, उसकी वजह से हम उसे गाते हैं और इसलिए भी क्योंकि जिस शख्स ने उसे लिखा वह हर भाषा को अहमियत और सम्मान देते थे। कमल ने कहा कि भारत एक संघ है जहां सभी सौहार्द के साथ मिलकर बैठते और खाते हैं, लेकिन हमें बलपूर्वक खिलाया नहीं जा सकता। इससे पहले कमल हासन ने शुभश्री, जिसकी होर्डिंग गिरने के बाद टैंकर से टक्कर में मौत हुई थी, के परिजनों से मुलाकात कर सांत्वना दी। गौरतलब है कि हिंदी दिवस पर अमित शाह द्वारा एक देश-एक भाषा के सिद्धांत का पक्ष लिए जाने के बाद अब तमिलनाडु के राजनीतिक दल इसके विरोध में उतर आए हैं।