याची ने कहा कि इस साल से तमिलनाडु सरकार ने तई पूषम पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। मुरुगन को तमिल भगवान घोषित करने की अर्जी लगाते हुए उन्होंने सात जनवरी को सरकार को लिखा कि इसे गजट में प्रकाशित किया जाए। लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई। लिहाजा उनका आग्रह है कि तमिल साहित्यों के आधार पर भगवान मुरुगन को तमिलों का भगवान घोषित किया जाए।
न्यायाधीश एमएम सुंदरेश और एस. आनंदी की न्यायिक पीठ ने इस पर सुनवाई करते हुए कहा कि मुरुगन नाम में कई अर्थ व गुण निहित हैं। हिन्दू धर्म के कई साहित्यों में कई देवताओं का वर्णन है। लिहाजा साहित्य के आधार पर कोई निर्णय नहीं किया जा सकता। तमिलनाडु धर्मनिरपेक्ष राज्य है। यहां विविध धर्म, भाषा व जाति के लोग बसे हैं। याची की मांग पर एक भगवान को तमिल भगवान घोषित करना धर्मनिरपेक्षता के तत्व के खिलाफ होगा। इस वजह से याचिका खारिज की जाती है।