इससे पहले सुनवाई के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक आर प्रभावती ने कहा सरकार ने याचिका को इसलिए खारिज किया था, क्योंकि पेरारिवलन जेल के नियमों के तहत साधारण पैरोल पर जाने के लिए पात्र नहीं थे। इसके अलावा गृह विभाग ने भी कहा था कि याचिकाकर्ता द्वारा उल्लेखित आधार पर पैरोल नहीं दी जा सकती है, क्योंकि जेलों के अंदर कोरोना के प्रसार पर नियंत्रण करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है। राज्य की जेल विभाग ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि वे इस साल पैरोल पर जाने के लिए पात्र नहीं है क्योंकि 2017 और 2019 में उसे पैरोल दिया जा चुका है।