scriptअवैध संरचना मामले में कलक्टर से जवाब तलब | Madras High Court seeks response from Collector in illegal structure | Patrika News
चेन्नई

अवैध संरचना मामले में कलक्टर से जवाब तलब

Madras High Court ने २००८ में उसके द्वारा जारी निर्देशों के आधार पर ऊधगमंडलम जिला कलक्टर और सहायक निदेशक टाउन पंचायत को सहायक दस्तावेजों व फोटो के साथ स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा है।

चेन्नईNov 17, 2019 / 05:00 pm

MAGAN DARMOLA

अवैध संरचना मामले में कलक्टर से जवाब तलब

अवैध संरचना मामले में कलक्टर से जवाब तलब

चेन्नई. मद्रास उच्च न्यायालय ने ऊटी में टाउन एंड कंट्री प्लानिंग एक्ट के लगातार हो रहे उल्लंघन, अवैध और अनाधिकृत भवनों के निर्माण में संबंधित अधिकारियों के शिथिल और असंतोषजनक कार्रवाई पर एतराज जताया है। हाईकोर्ट ने २००८ में उसके द्वारा जारी निर्देशों के आधार पर ऊधगमंडलम जिला कलक्टर और सहायक निदेशक टाउन पंचायत को सहायक दस्तावेजों व फोटो के साथ स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
जस्टिस एम. सत्यनारायण व जस्टिस एन. शेषसाई की न्यायिक पीठ ने फारीस सीएम की एक याचिका का निपटारा करते हुए उक्त निर्देश जारी किए। याची ने नीलगिरि जिले के नडुवट्टम पंचायत के अधिशासी अधिकारी के नोटिस को खारिज करने की मांग की थी। यह नोटिस भवनों को सील करने और गिराने से जुड़ा था।
याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायिक पीठ ने कहा कि वह २००८ में अवैध संरचनाओं को लेकर निर्देश जारी कर चुकी है। ऐसे आदेश के प्रभावी होने की पृष्ठभूमि में इस याचिका से जुड़े प्रतिवादी भी प्रत्यक्ष रूप से न्यायिक अवमानना के दायरे में आते हैं।
उल्लेखनीय है कि २००८ में एडवोकेट एलिफेंट राजेंद्रन ने अर्जी लगाई थी कि ऊधगमंडलम की पहाड़ी को बचाया जाए जिसका अविवेकपूर्ण तरीके से परिवर्तन किया जा रहा है। यहां मानव निर्मित संरचनाएं इजाफा पा रही हैं जो मुनाफे के लिए है। इस तरह मानव व पशुओं दोनों के जीवन को जोखिम में डाला जा रहा है।
न्यायालय ने कहा कि अब वक्त आ चुका है कि कोर्ट संबंधित अधिकारियों खासकर प्रतिवादी को कानूनन कार्रवाई करने के लिए बाध्य करे ताकि इन पहाडिय़ों की भव्यता को पुन: प्रतिष्ठित किया जा सके। फिर चाहे यह खूबसूरती इसके मूल स्वरूप में भले नहीं लौट पाए लेकिन जितना संभव हो सके पूर्वस्थिति में लाने का प्रयास होना चाहिए।
हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि ऊटी जिला प्रशासन को तत्काल कार्रवाई शुरू करनी चाहिए और उल्लंघनों का नियमन करना चाहिए। ताकि ऊधगमंडलम पहाड़ी इलाके का भावी पर्यावरण संरक्षित रह सके। यह कहते हुए सुनवाई १६ दिसम्बर के लिए टाल दी गई।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो