पोंगल देवता को अर्पण
इस त्योहार में मिठाई बनाकर पोंगल देवता को अर्पित की जाती हैं। इसके बाद गाय को अर्पित कर परिवार में बांटी जाती हैं। इस दिन लोग अपने घरों के बाहर कोलम भी बनाते हैं। परिवार, मित्रों और दोस्तों के साथ पूजा कर एक दूसरे को उपहार देते हैं।
-मुरुगन, बिजनसमैन, तमिलनाडु निवासी।
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संस्कार बढ़ाते हैं पर्व
पोंगल का उत्सव 4 दिन तक चलता है। पहले दिन भोगी, दूसरे दिन सूर्य, तीसरे दिन मट्टू और चौथे दिन कन्या पोंगल मनाया जाता है। पहले दिन भोगी पोंगल में इन्द्रदेव की पूजा, दूसरे दिन सूर्यदेव की पूजा, तीसरे दिन को मट्टू अर्थात नंदी या बैल की पूजा और चौथे दिन कन्या की पूजा होती है जो काली मंदिर में बड़े धूमधाम से की जाती है।
-सेतुरामन, बिजनसमैन, तमिलनाडु निवासी।
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