विधानसभा के सत्र में नहीं होने की वजह से राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने म्युनिसिपल कार्पोरेशन, म्युनिसिपेलिटी तथा टाउन पंचायत के एक्ट में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया।
Chennai, Madurai और Coimbatore सहित अन्य निगमों के मौजूदा एक्ट में किए गए संशोधन को लेकर कहा गया कि मेयर और चेयरमैन एक ही पार्टी का होता है तो परिषद के अधिकांश पार्षद अन्य पार्टी के होते हैं। ऐसे में परिषद महत्वपूर्ण निर्णय तो सामान्य बैठक का आयोजन भी शांतिपूर्ण तरीके से नहीं कर पाती। इस तरह शहरी निकायों द्वारा जनता की सेवा का जो लक्ष्य रहता है वह हासिल नहीं हो पाता। लिहाजा यह महसूस किया गया कि महापौर और चेयरमैन के अप्रत्यक्ष चुनाव ही कराए जाएं ताकि परिषद में स्थायित्व रहेगा तथा कार्य भी आसानी से पूरे हो सकेंगे।
चेन्नई और मदुरै जहां पार्षदों की संख्या क्रमश: २०० और १०० हैं, में परिषद की बैठकों के संचालन में इनकी भूमिका बेहद जरूरी हो जाती है। निर्णयन में पार्षदों की भागीदारी सुनिश्चित करने तथा जनता को नागरिक सेवाएं उपलब्ध कराने के लिहाज से यह तय किया गया है कि मेयर और चेयरमैन का चुनाव पार्षदों द्वारा ही किया जाए।
अध्यादेश के अनुसार सरकार से विभिन्न मंचों तथा जनता की ओर से प्रार्थना की गई थी कि इन पदों के अप्रत्यक्ष चुनाव कराए जाएं ताकि शहरी नागरिक निकाय का कार्य आसानी से हो सके। सरकार ने बेहतर जवाबदेही और सामूहिक उत्तरदायित्व के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए चुनाव की पूर्व प्रणाली को लागू करने का निर्णय किया है।