scriptएन. सुगालचन्द जैन को डी. लिट की उपाधि | N. Sugalchand Jain. D. Litt degree | Patrika News
चेन्नई

एन. सुगालचन्द जैन को डी. लिट की उपाधि

मैंने कभी कोई पुरुषार्थ नहीं किया। सभी चीजें सहज रूप से मिल गई। बिजनेस में भी कभी रिकमेन्डेशन की दरकार

चेन्नईFeb 02, 2016 / 11:40 pm

मुकेश शर्मा

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चेन्नई।मैंने कभी कोई पुरुषार्थ नहीं किया। सभी चीजें सहज रूप से मिल गई। बिजनेस में भी कभी रिकमेन्डेशन की दरकार नहीं रही तो परिवार का भी हमेशा पूरा सहयोग मिला। यह भाव थे समाजसेवी एन. सुगालचन्द जैन के। जैन विश्व भारती लाडनूं की ओर से उन्हें डी. लिट की उपाधि दिए जाने के अवसर पर यहां ई-होटल में आयोजित अभिनंदन समारोह में यह विचार रखे। सुगालचन्द जैन ने कहा कि कभी-कभी चीजें गिफ्टेड हो जाती है। मुझे अपने जीवन में जो भी मिला उसका प्रथम श्रेय माता-पिता को जाता है। मैं पिता की प्रथम संतान था, इसका लाभ मुझे मिला। सबने सहज रूप से अपनाया। व्यापार में सरकारी अफसरों का पूरा सहयोग मिला। उन्होंने आचार्यश्री का भी इसके लिए आभार जताया।


 जैन विश्व भारती लाडनूं के प्रबंध न्यासी प्यारेलाल पीतलिया ने कहा कि सुगालचन्द जैन सादगी की प्रतिमूर्ति है। सादगी उनसे ग्रहण करने की चीज है। कैलाशमल दुगड़ ने कहा कि कैसे रहना है, यह सीखना हो तो सुगालचन्द जैन से सीखें। उन्होंने जो अपने जीवन में उतारा वही परिवार में भी आगे बढ़ाया। माला कातरेला ने कहा कि सुगालचन्द जैन साहित्य एवं दर्शन का ज्ञान है। धार्मिक, सामाजिक सेवा कार्य में सदैव अग्रणी रहते हैं। अजीत प्रसाद जैन ने कहा कि शिक्षा के प्रति उनका प्रेम अद्भुत है। वे छात्रों की मदद के लिए सदैव तत्पर रहते हैं।

विमल चिपड़ ने कहा कि उन्हें डी.लिट मिलना चेन्नई जैन समाज के लिए गौरव की बात है। राकेश खाटेड़ ने कहा कि सुगालचन्द जैन से हमें बहुत सीखने को मिला है। प्रारम्भ में गौतम सेठिया ने सुगालचन्द जैन के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि सुगालन्द जैन में मानवीयता एवं इंसानियत का जज्बा कूट-कूट कर भरा है। इनकी जिज्ञासा सदैव बनी रहती है। जैन विश्व भारती ने अब तक पांच लोगों को डी.लिट की उपाधि दी है।


 सुगालचन्द जैन छठे हैं जिन्हें यह उपाधि दी गई है। मंच पर जैन विश्व भारती के अध्यक्ष धर्मचन्द लूंकड़ भी मौजूद थे। प्रसन्नचन्द ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर जैन विश्व भारती के पदाधिकारियों एवं जैन समाज के विभिन्न संगठनों एवं गणमान्य लोगों की ओर से उनका सम्मान किया गया।
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