कोर्ट के निर्देशानुसार नलिनी न तो किसी पत्रकार और न ही राजनीतिक दल के नेताओं से बातचीत कर सकती हैं। कोर्ट के आदेशानुसार नलिनी को जेल से सुरक्षाकर्मियों के साथ रिहा किया गया है। इसके अलावा नलिनी की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए पुलिस ने 10 सुरक्षाकर्मियों को उसके साथ भेजा है। हालांकि पुलिस विभाग अब तक इस बात पर फैसला नहीं कर सका है कि नलिनी के साथ बाद में कितने सुरक्षाकर्मी तैनात रहेंगे।
वेलूर के पुलिस अधीक्षक प्रवेश कुमार ने बताया कि नलिनी की सुरक्षा और निगरानी के लिए सुरक्षाकर्मियों की संख्या के फैसले पर सरकार के निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। सामान्य तौर पर अति संवेदनशील मामलों में ऐसे कैदियों के साथ दस सुरक्षाकर्मियों की एक टीम को भेजा जाता है, जिसमें एक इंस्पेक्टर और एक सब-इंस्पेक्टर भी शामिल होते हंै। इससे पहले हत्याकांड के एक अन्य आरोपी पेरअरिवालन के अगस्त 2017 में पेरोल पर रिहा होने के दौरान भी ऐसे ही इंतजाम किए गए थे। अब नलिनी की सुरक्षा पर भी राज्य सरकार से कारागार विभाग द्वारा की गई सिफारिश के आधार पर ही फैसला किया जाएगा।
गौरतलब है कि 21 मई, 1991 को श्रीपेरम्बदूर में एक मानव बम विस्फोट में राजीव गांधी की मौत हुई थी और इस मामले के दोषी पेरअरिवालन, मुरुगन, नलिनी, शांतन, रविचंद्रन, जयकुमार और रॉबर्ट पिछले २७ साल से जेल में हैं। सभी की रिहाई को लेकर पिछले साल सितंबर में राज्य सरकार ने एक प्रस्ताव पारित कर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित को भेजा था, जिसके मुताबिक मामले में जेल में बंद दोषियों को रिहा करने की अनुमति मांगी गई थी। लेकिन राज्यपाल की ओर से उस मामले में अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है।