उन्होंने कहा चार साल पहले मैने सीएम पद का कार्यभार संभाला था और उसके बाद से अब तक जाति और सांप्रदायिक झड़प नहीं दर्ज की गई है। एआईएडीएमके सरकार के तहत लोग शांतिपूर्ण जीवन व्यतित कर सकते हैं और बिना किसी समस्या के व्यापार का संचालन हो सकता है। डीएमके को रफियों की पार्टी बताते हुए पलनीस्वामी ने कहा अगर डीएमके की सत्ता आई तो राज्य का शंाति पूरी तरह से भंग हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि हाल ही में डीएमके का एक पदाधिकारी चेन्नई के रेस्टोरेंट में खाना लिया और भुगतान करने से इंकार कर दिया।
वहीं डीएमके अध्यक्ष एमके स्टालिन ने रेस्टोरेंट के मालिक को डीएमके पदाधिकारी के खिलाफ शिकायत नहीं करने की धमकी दी थी। ऐसे में राज्य की जनता ऐसा नेता स्वीकार करेगी? मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि डीएमके ने गरीबों का सैकड़ों एकड़ जमीन हड़प लिया था, लेकिन एआईएडीएमके सरकार ने जमीनों को वापस संबंधित लोगों को लौटाया। डीएमके शासलकाल के दौरान राज्य का मुख्य मुद्दा बिजली था।
लेकिन एआईएडीएमके सरकार ने राज्य के विकास को सुनिश्चित करने के लिए लेागों को निर्बाध बिजली की आपूर्ति करने को प्राथमिकता दी। बिजली सहित अच्छे बुनियादी ढांचे की उपलब्धता के साथ कई उद्योग तमिलनाडु में उद्योग स्थापित करने के इच्छुक हैं। वर्ष 2019 में आयोजित हुए वैश्विक निवेशक मीट के दौरान सरकार ने 3 लाख करोड़ की लागत से 304 कंपनियों के साथ समझौता किया था।
इसके माध्यम से सैकड़ो शिक्षिक युवाओं को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री ने मतदाताओं से एआईएडीएमके उम्मीदवार को वोट करने का आग्रह किया। उन्होंने मतदाताओं से वादा किया कि सत्ता वापसी के बाद मदुरै में भूजल ड्रेनेज सिस्टम समेत अन्य सभी साधारण सुविधाएं सुनिश्चित की जाएगी।