नेल्लोर आरटीसी बेपरवाह, बसों में नहीं हो रहा कीटनाशक का छिड़काव
आरटीसी द्वारा कोरोना से बचाव के कैसे कदम उठाए जा रहे हैं इस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि न तो कर्मचारियों को मास्क व ग्लब्स उपलब्ध कराए गए हैं और न ही बसों में दवा का छिड़काव कराया जाता है। अगर कोई भी कोरोना से संक्रमित व्यक्ति आरटीसी की बस में सफर करता है तो उससे दूसरों के भी संक्रमित होने की सम्भावना है।
नेल्लोर आरटीसी बेपरवाह, बसों में नहीं हो रहा कीटनाशक का छिड़काव
नेल्लोर. कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जहां चारों ओर अनेक उपाय किए जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर नेल्लोर आरटीसी बेपरवाह बना हुआ है। आरटीसी बस टर्मिनस में न तो बसों में सेनेटाइजेशन किया जाता है और न ही उनकी धुलाई की जाती है। यहां तक कि आरसीटी कर्मचारियों के मुंह पर मास्क और हाथों में ग्लब्स भी नहीं हैं। आरटीसी के एक कर्मचारी से इस बारे में बात की गई तो उसने बताया कि तमिलनाडु में कोरोना वायरस से बचाव के लिए हरसंभव उपाय किए जा रहे हैं, वहां बस टर्मिनस में दिन में तीन-चार बार दवाई का छिड़काव किया जा रहा है। लोगों को कोरोना वायरस से बचाव के प्रति जाग्रत करने के लिए भी अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। इधर आरटीसी द्वारा कोरोना से बचाव के कैसे कदम उठाए जा रहे हैं इस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि न तो कर्मचारियों को मास्क व ग्लब्स उपलब्ध कराए गए हैं और न ही बसों में दवा का छिड़काव कराया जाता है। अगर कोई भी कोरोना से संक्रमित व्यक्ति आरटीसी की बस में सफर करता है तो उससे दूसरों के भी संक्रमित होने की सम्भावना है।
इधर आरटीसी द्वारा कोरोना से बचाव के कैसे कदम उठाए जा रहे हैं इस का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि न तो कर्मचारियों को मास्क व ग्लब्स उपलब्ध कराए गए हैं और न ही बसों में दवा का छिड़काव कराया जाता है। अगर कोई भी कोरोना से संक्रमित व्यक्ति आरटीसी की बस में सफर करता है तो उससे दूसरों के भी संक्रमित होने की सम्भावना है।
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