हाईकोर्ट की मदुरै शाखा के न्यायाधीश एन. कृपाकरण और जज एस. एस. सुंदर की न्यायिक पीठ ने देशभर में हाइवे विस्तारीकरण के चल रहे कार्यों तथा इनके अनुरक्षण का निजीकरण किए जाने के बाद भी मरम्मत का अभाव होने संबंधी याचिका पर सुनवाई की। याची ने उस वक्त हाईकोर्ट को बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में तमिलनाडु दूसरे क्रम पर है। लिहाजा राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को निर्देश दिया जाना चाहिए कि सड़कों की नियमित सुध ली जाए।
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट की न्यायिक बेंच ने पूछा था कि क्या मोटरयान कानून के तहत दोपहिया और चौपहिया वाहनों में निर्धारित संख्या से अधिक एलईडी लाइट लगाने के प्रावधान है? क्या राजनीतिक दलों के नेता अपनी गाडिय़ों में पार्टी का झण्डा, अपने नेताओं की तस्वीर और अपने पदनाम को बड़े-बड़े अक्षरों में लगा सकते हैं?
हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग के प्रधान सचिव से इन सवालों के जवाब मांगे थे कि वे हलफनामा पेश करें।
न्यायिक बेंच ने मंगलवार को फिर से इस याचिका पर सुनवाई की। परिवहन विभाग की ओर से शपथपत्र दायर किया गया जिनमें उक्त सवालों का जवाब था। विभाग ने स्पष्ट किया कि मोटरयान अधिनियम के तहत राजनेताओं को अपने वाहनों में पार्टी का झण्डा लगाने की अनुमति नहीं है। वे गाडिय़ों में मोटे-मोटे नाम और पदनाम भी नहीं लिख सकते हैं।
न्यायिक पीठ ने परिवहन विभाग का शपथपत्र स्वीकारते हुए याचिका पर फैसला सुरक्षित कर लिया।