केन्द्र का साफ इंकार
मंगलवार को नरेंद्र मोदी सरकार की तरफ से साफ किया गया है कि तमिलनाडु राज्य का बंटवारा करने के संबंध में ना तो कोई प्रस्ताव है और ना ही कोई योजना उसके पास है। दरअसल, मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में तमिलनाडु के सांसदों ने सरकार से पूछा था कि क्या उनके पास तमिलनाडु के बंटवारे को लेकर कोई योजना है..और क्या इससे संबंधित कोई मांग उनके सामने उठाई गई है? संसद में डीएमके के सांसद रामालिंगम और आईजेके के सांसद पारीवेन्दर ने केंद्र सरकार से पूछा था कि अगर बंटवारा होना है वो बताए कि इस बंटवारे के पीछे क्या वजह है और इसका उद्देश्य क्या है?
अटकलें थम गई
दो सांसदों की तरफ से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि ‘समय-समय पर कई लोगों और संगठन द्वारा बंटवारे की मांग उठती रही है। नए राज्य के बनने से इसका बड़ा असर पड़ता है और देश के संघीय ढांचे को इसे वहन करना पड़ता है…सरकार सभी जरुरी तथ्यों को देखने के बाद ही नए राज्य बनाने पर विचार करती है…फिलहाल इस तरह का कोई प्रस्ताव सरकार के पास नहीं है। जाहिर है अब केंद्र सरकार की तरफ से दिए गए इस जवाब के बाद से तमिलनाडु के बंटवारे को लेकर चल रही अटकलें थम गई है।