scriptन स्कूल में खेल मैदान न सुविधाएं, छात्राओं ने जीत लिया कांस्य पदक | No playground, tribal students make a mark in sports | Patrika News
चेन्नई

न स्कूल में खेल मैदान न सुविधाएं, छात्राओं ने जीत लिया कांस्य पदक

परिस्थितियों को दी मात
 
No playground to call their own, these tribal students make a mark in sports
 

चेन्नईMay 20, 2022 / 10:52 pm

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

 No playground to call their own, these tribal students make a mark in sports

No playground to call their own, these tribal students make a mark in sports

मयिलादुत्तुरै. स्कूल में खेल मैदान के बिना और अभावों में जीवन जीने के बावजूद राज्य स्तरीय मुक्केबाजी प्रतियोगिता में दो छात्रों ने पदक जीतकर मिसाल कायम की है। मयिलादुत्तुरै जिले के पल्लवरयानपेट्टई की नारीकुरवा कॉलोनी में कुछ दिन पहले हुई राज्य स्तरीय मुक्केबाजी प्रतियोगिता में दो छात्राओं की जीत के बाद माहौल खुशनुमा है। अपने आदिवासी समुदाय के लोगों को शाम होने से पहले घर लौटने की परंपरा को निभाते हुए कक्षा 8 की छात्राओं ने सब-जूनियर वर्ग में कांस्य पदक जीता। एक मई को तंजावुर में नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय विद्यालय के छह में से दो ने क्वालीफाई किया और राज्य स्तर में कांस्य पदक जीता। तमिलनाडु बॉक्सिंग एसोसिएशन के तत्वावधान में आयोजित प्रतियोगिता में सी धनलक्ष्मी ने 54-56 किग्रा वर्ग में कांस्य जीता जबकि एस वेन्निला ने 36-38 किग्रा वर्ग में कांस्य जीता।
वेन्निला ने कहा, मैं एक साल से अभ्यास कर रही हूं। मेरे माता-पिता, शिक्षकों और प्रशिक्षकों के समर्थन से यह संभव हो सका। मैं पूर्व विश्व चैंपियन मैरी कॉम की तरह एक उत्कृष्ट मुक्केबाज बनना चाहती हूं। हालाँकि, उसका प्रशिक्षण स्कूल में नहीं बल्कि राजन थोट्टम के भारतीय खेल प्राधिकरण स्टेडियम में हुआ था। जबकि कक्षा 1 से 8 तक 100 से अधिक विद्यार्थियों की संख्या वाले स्कूल में खेल का मैदान नहीं है।
भविष्य में और अच्छा करने की उम्मीद
धनलक्ष्मी की माता सुमति ने कहा, मुझे गर्व है कि मेरी बेटी ने कांस्य पदक जीता है और मुझे विश्वास है कि वह भविष्य में स्वर्ण पदक जीतेगी। हालांकि, हम अभी भी अपने बच्चों को हमारी कॉलोनी के बाहर प्रशिक्षण के लिए भेजने के बारे में चिंतित हैं।
ऑटोरिक्शा में स्टेडियम ले जाने को मजबूर
स्कूल की प्रधानाध्यापिका के कृष्णवेनी ने कहा, हम छात्रों को उनके माता-पिता को समझाने के बाद शाम को ऑटोरिक्शा में स्टेडियम ले जाते हैं। हम यह सुनिश्चित करते हैं कि जब भी हमें लड़कियों को प्रशिक्षित करना हो तो महिला शिक्षक लड़कियों के साथ यात्रा करें।
खेल मैदान जरूरी
शारीरिक शिक्षा शिक्षक के असैथांब ने भी स्कूल के लिए एक खेल के मैदान की आवश्यकता व्यक्त की। उन्होंने कहा, अगर खेल का मैदान हो, जहां हम उनकी प्रतिभा को निखार सकें तो वे बहुत बेहतर करेंगी।

Home / Chennai / न स्कूल में खेल मैदान न सुविधाएं, छात्राओं ने जीत लिया कांस्य पदक

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो