इससे पूर्व इस दवाई के नमूनों को परीक्षण के लिए विजयवाड़ा के आयुष लैब भेजा गया था। जांच में खुलासा हुआ है कि इस दवाई को बनाने में उपयोग किए जा रहे पदार्थ उपयुक्त हैं इसलिए दवाई के इस्तेमाल से किसी भी तरह की कोई हानि एवं साइड इफेक्ट नहीं है।
मरीजों से भी बात इस दवाई का इस्तेमाल करने वाले मरीजों से भी आयुष विभाग की टीम ने बात की तो किसी ने सेहत पर बुरे असर की कोई शिकायत नहीं की।
नेल्लोर आने के बाद आयुष मंत्रालय की टीम द्वारा की गई जांच सम्बंधी एक रिपोर्ट राज्य सरकार को दी जाएगी जिसके बाद राज्य सरकार इस दवाई के वितरण को लेकर फैसला लेगी। आईसीएमआर परखेगी
दूसरी ओर सोमवार को आईसीएमआर की टीम नेल्लोर पहुंचने वाली है। वह इस आयुर्वेदिक दवाई के नमूने का परीक्षण करने के साथ ही दवाई के इस्तेमाल और बनाने की प्रक्रिया की जांच करेगी। इसके बाद ही स्पष्ट होगा कि इस दवाई का इस्तेमाल किया जा सकता है या नहीं।
सरकार की अनुमति जरूरी
&सरकार की अनुमति मिलने के बाद ही कोरोना की आयुर्वेदिक दवा का वितरण किया जाएगा। काकानी गोवर्धन रेड्डी, स्थानीय वाईएसआरसीपी विधायक सरकार जो कहेगी वही करेंगे
&रिपोर्ट आने के बाद सरकार जो भी कहेगी हम करेंगे। तब तक दवाई का वितरण नहीं किया जाएगा। दवा लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बनाई गई है।
वैद्यराज आनंदैया