प्रस्तुति को रिकॉर्ड करने के बाद न्यायाधीश संजीब बैनर्जी और न्यायाधीश सेंथिलकुमार रामामूर्ति की खंडपीठ ने राज्य सरकार को अगले आठ सप्ताह के अंदर ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने का निर्देश दिया। कोर्ट का यह निर्देश दो जनहित याचिका से संबंधित है, जिसमें वकील रामकुमार आदित्यन और अन्ना विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ई बालगुरुसामी ने सरकार द्वारा एरियर परीक्षा को रद्द करने की घोषणा के खिलाफ चुनौती दी थी।
याचिका पर सुनवाई के दौरान सरकार ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करने का निर्णय लिया है, क्योंकि कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि परीक्षा को रद्द करने वाली जीओ स्वीकार्य नहीं है। गत 7 अप्रेल को कोर्ट ने देखा कि जीओ एक असंवैधानिक राजनीतिक निर्णय के अलावा कुछ नहीं है और यह अराजकता का कारण बन रही है।
उसके बाद कोर्ट ने सरकार और यूजीसी को निर्देश दिया कि वे किसी भी तरह के संशोधन के सुझाव देने के लिए एक साथ मिलकर कार्य करें। इसके अलावा यह समझ के बाहर है कि छात्रों के एक पूरे समूह को मुख्य पहलुओं के संबंध में बुनियादी ज्ञान के बिना प्रमाणित किया जाएगा।