उन्होंने कहा अंग्रेजी में उपन्यास शब्द के लिए नॉवेल शब्द का उपयोग किया जाता है। उपन्यास विद्या का जितना विकास फ्रांस, इंगलैण्ड, रूस व अमरीका में हुआ उतना भारत में नहीं हुआ। उन्होंने कहा उपन्यासकार सिर्फ वास्तविक जीवन की काल्पनिक कथा की सृष्टि से पाठक का मनोविनोद ही नहीं करता अपितु उसके द्वारा वह मानवीय मूल्यों, महान सत्यों व आदर्श भी स्थापित करता है।
डॉ. बानो ने कहा मनुष्य के वास्तविक जीवन की काल्पनिक कथा ही उपन्यास है। हिंदी उपन्यास का इतिहास किसी भी देश के उपन्यास के इतिहास की तरह हिंदी भाषा क्षेत्र की सभ्यता और संस्कृति के नवीन रूप के विकास का साहित्यिक प्रतिफल है। हिंदी विभागाध्यक्ष एल. गिरिजा रूबी ने बताया कि विद्यार्थियों में हिंदी साहित्य को लेकर विशेष जनकारी प्रदान करने के उद्देश्य से इस विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। हिंदी विभाग की ओर से हिंदी के विविध विषयों पर विशेष व्याख्यान का आयोजन किया जाता है। प्रारम्भ में मुख्य अतिथि का शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया गया। सेमिनार में हिंदी विभाग के 40 विद्यार्थी शामिल हुए।