न्यायिक बेंच ने आश्चर्य जताया कि जलस्रोतों से अतिक्रमण हटाने के कई आदेश होने के बाद भी कुछ नहीं किया जा रहा है।
न्यायिक पीठ ने कहा कि अतिक्रमण हटाने में अफसर वर्ग का शिथिल रवैया ही इसे बढ़ावा देने का प्रमुख कारण है।
न्यायालय ने विचार रखा कि क्यों न न्यायिक अवमानना का मुकदमा चलाया जाए जबकि अतिक्रमण हटाने के इतनी बार आदेश हो चुके हैं।
दोहरी हत्या के मामले में न्यायिक पीठ ने करूर जिला डीएसपी को निर्देश दिया है कि मामले का पूरा विवरण पेश करें। साथ ही उस झील जिसकी वजह से दो जनों की हत्या हुई का पूरा क्षेत्रफल और उस पर हुए अतिक्रमण तथा उनमें से कितने अतिक्रमण हटाने के क्या उपाय हुए हैं का जवाब मांगा है। राजस्व विभाग से जवाब मांगा गया है कि अतिक्रमियों को अगर पट्टा जारी हुआ है तो संबंधित राजस्व अधिकारी विवरण पेश करे। याचिका पर अगली सुनवाई १४ अगस्त को होगी।