इसके तहत कार्यालय के पास 3 से 5 और घरों के पास 5 से 8 के बीच अतिरिक्त कैंप लगाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि निगम ने कम आय वाले क्षेत्रों में सेकेंड सेरो सर्वे का प्रस्ताव भी दिया है, इसके तहत स्ट्रीटों का चयन होगा और कोरोना से संक्रमित हो चुके लोगों की प्रतिरोधक क्षमता जांची जाएगी। निगम आयुक्त जी. प्रकाश ने बताया कि इस तरह के बुखार शिविरों के आयोजन से रोगग्रस्त रोगियों की पहचान करने और अन्य बीमारियों को रोकने में मदद मिलेगी। आगामी तीन चार महीनों तक शिविर के आयोजन की यह प्रक्रिया जारी रहेगी। काम के दौरान लोगों को मास्क पहनना चाहिए और सरकार की सभी दिशानिर्देशों का सख्ती से पालन करना चाहिए। प्रकाश ने कहा कि मुख्यमंत्री एडपाडी के. पलनीस्वामी के निर्देशानुसार जून के दूसरे सप्ताह से ही परीक्षण दर तिगुना कर दिया गया है।
देश भर में चेन्नई पहला ऐसा शहर है जहां पर कुल जनसंख्या में से 20 प्रतिशत लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है। मुझे पूरा यकिन है कि परीक्षण दर अगर यही रहा तो कोरोना की सकारात्मक दर 5 प्रतिशत से भी कम हो जाएगी। आयुक्त ने कहा कि ज्वर शिविर और सख्त क्वारंटाइन नियमों की वजह से महानगर में कोरोना का डबल होने का समय 93 दिन हो गया है। निगम द्वारा जारी आकड़ों के अनुसार निगम द्वारा 5 जून से बुधवार तक 56 हजार 904 ज्वर क्लिनिक लगाए गए थे। इस दौरान 28.९३ लाख लोग क्लिनिक में जांच के लिए गए और उसमें से 1.६८ लाख लोगों में कोरोना के लक्षण पाए गए।
~अक्टूबर व नवंबर में तेजी से फैल सकता है कोरोना: निगम आयुक्त
चेन्नई. ग्रेटर चेन्नई कार्पोरेशन के आयुक्त जी. प्रकाश ने कहा कि अक्टूबर और नवंबर में कोरोना महामारी की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है। स्थिति को गंभीरता से लेते हुए इसके प्रसार पर नियंत्रण करने के कदम उठाए जा रहे हैं। प्रसार को रोकने के लिए सामाजिक दूरी सुनिश्चित कराने और सैनिटाइजर का नियमित उपयोग कराने को लेकर विभिन्न उपाय किए जा रहे हैं। प्रकाश ने कहा सार्वजनिक स्थलों पर मास्क नहीं पहनने वालों से अब तक 2.२५ करोड़ रूपए का जुर्माना वसूला गया है। इसके अलावा स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा ग्राहकों के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों को करने में विफल हो रहे होटलों और रेस्टरा के खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि नियम को लागू कराने में विफल होने वाले अधिकारियों के खिलाफ भी विभिन्न कार्रवाई किए जाएंगे।