उन्होंने एतराज जताया कि संघीय तत्व के नाम पर केंद्र सरकार को संघीय सरकार कहना के पीछे कोई औचित्य नहीं नजर आता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि किसी भी नेता ने कभी भी केंद्र सरकार को संघीय सरकार नहीं कहा है। दरअसल, 1963 में स्वर्गीय अण्णादुरै ने भी राज्यसभा में यही कहा था कि राज्यों का बंटवारा किया गया है।
उन्होंने आक्षेप जताया कि केंद्र सरकार को संघीय सरकार कहना भारत माता और इस भूमि को नीचा दिखाना और अपमान करना है जो पूरी तरह अस्वीकार्य है।
ईश्वरन का भाषण भी आपत्तिजनक
सदन में विपक्ष के उप नेता ने विधायक ईआर ईश्वरन की जयहिन्द को लेकर दी गई प्रतिक्रिया को भी सदन की कार्यवाही से हटाने की मांग की। ईश्वरन ने राज्यपाल के भाषण से जयहिन्द शब्द को हटाने की तरफदारी थी। उसके बाद सीएम स्टालिन ने आभार प्रस्ताव में दिए जवाब पर केंद्र की जगह संघीय सरकार शब्द का इस्तेमाल किया था।
ओपीएस ने ईश्वरन के भाषण पर सवाल खड़ा किया कि क्या यह उचित है? क्या यह भारतीय संप्रभुता के लिए अनुकूल है? उन्होंने सीएम से अनुरोध किया कि वहे भारतीय संप्रभुता के खिलाफ अपमानजनक तरीके से विधायक ईश्वरन द्वारा बोले गए शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटाने के उपाय करें।
उल्लेखनीय है कि पूर्व उपमुख्यमंत्री पिछले सप्ताह समाप्त हुए विधानसभा सत्र को लेकर अब सवाल खड़े कर रहे हैं।