व्यवहार शुद्धि के लिए भी लेश्या का पवित्र होना जरूरी है, नमस्कार महामंत्र में 5 रंगों का ध्यान बहुत जरूरी है। मुनि ने कहा आज के दिन प्रतिक्रमण जरूर करना चाहिए, इससे आंतरिक उज्ज्वलता बढ़ती है। इससे पूर्व समण सिद्धप्रज्ञ ने कहा होली हिंसा की हो रही है, अपेक्षा है अहिंसा की भी होली की, रंगों के ध्यान से आंतरिक परिवर्तन होता है। आभामंडल को पवित्र बनाने के लिए लेश्या ध्यान बहुत सरल और महत्वपूर्ण साधन है। उन्होंने कहा जीवन में उत्सव का बड़ा महत्व है, होली के दिन मनुष्य का शरीर ही नहीं मन भी खिल जाता है। रंगों से हमारा व्यक्तित्व प्रभावित होता है। अपेक्षा है हम अपने जीवन में आंतरिक विकास के लिए प्रेक्षाध्यान का अभ्यास करें।
इस अवसर पर तेरापंथ महिला मंडल, स्थानक महिला मंडल, श्री मुनि सुब्रत महिला मंडल आदि ने गीतिका पेश की। मंडल अध्यक्ष सरला बरडिया ने स्वागत भाषण दिया। शीतल मालू तेरापंथ महिला मंडल मंत्री ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम में सभी संप्रदायों के लोग उपस्थित थे।