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चेन्नई

गिरवी व्यापारी दक्षिण भारत का एसोसिएशन बनाएंगे

तमिलनाडु के साथ ही कर्नाटक, केरल, आन्ध्रप्रदेश, तेलंगाना व पुदुचेरी के व्यापारी होंगे सदस्य-पॉन ब्रोकर की समस्याओं को सामूहिक रूप से उठाएंगे- लॉकडाउन के बाद अब पटरी पर आ रहा व्यापार- राजस्थान पत्रिका के वेबीनार में व्यापारियों ने खुलकर दी राय

चेन्नईOct 21, 2020 / 01:24 am

ASHOK SINGH RAJPUROHIT

pawn broker

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चेन्नई. दक्षिणी भारत के पॉन ब्रोकर (गिरवी व्यापारी) अपनी समस्याओं को लेकर सामूहिक आवाज बुलन्द करने के लिए दक्षिण भारत के पॉन ब्रोकर दक्षिण भारत के व्यापारियों का एसोसिएशन बनाएंगे। इस दिशा में काम शुरू कर दिया गया है। इस एसोसिएशन में तमिलनाडु के साथ ही कर्नाटक, केरल, आन्ध्रप्रदेश, तेलंगाना व पुदुचेरी के व्यापारी शामिल किए जाएंगे।
राजस्थान पत्रिक की मेजबानी में यहां आयोजित वर्चुअल सेमीनार में पॉन ब्रोकर व्यापारियों ने यह बात रखी। पॉन ब्रोकर व्यापारियों का कहना था कि उनकी सबसे बड़ी समस्या पुलिस प्रताड़ना को लेकर अक्सर सामने आती है। कई बार पुलिस बेवजह व्यापारियों को परेशान करती हैं। हालांकि अब पॉन ब्रोकर व्यापारियों के मजबूत एसोसिएसन के चलते इस तरह की वारदातों पर अंकुश लगा है और पुलिस व्यापारियों के साथ किसी तरह की ज्यादती नहीं कर रही है।
लॉकडाउन में बन्द रही दुकानें
पॉन ब्रोकरों के अनुसार लॉकडाउन के दौरान करीब चार महीने तक दुकानें बन्द रहने से उन्हें आर्थिक नुकसान वहन करना पड़ा है। हालांकि अब बिजनेस पटरी पर आने लगा है लेकिन अब भी चार से पांच महीने का समय और लगेगा। लॉकडाउन के समय सभी बैंकें खुली थी और ऐसे में लोगों ने उस दौरान ऋण बैंकों से उठा लिया। ऐसे में लॉकडाउन खुलने के बाद पॉन ब्रोकरों से ऋण लेने वाले बहुत कम लोग ही रहे।
चेन्नई में छह हजार से अधिक पॉन ब्रोकर
अकेले चेन्नई महानगर में करीब छह हजार से अधिक पॉन ब्रोकर की दुकानें हैं जिनके पास पॉन ब्रोकर का वैद्य लाइसेंस है। इनमें करीब 98 फीसदी व्यापारी राजस्थान मूल के हैं। व्यापारियों को अपने प्रतिष्ठान में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कई बार आग्रह किया गया है और इसके चलते अधिकांश व्यापारियों ने अपनी दुकानों में कैमरे स्थापित करा लिए हैं। साथ ही व्यापारियों से सोना या चांदी गिरवी रखते समय पहचान पत्र की प्रतिलिपि भी लेने के लिए कहा जाता है। साथ ही अनजान लोगों से किसी तरह का गिरवी का काम न करने के लिए भी कहा जाता है।
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लॉकडाउन में किया ड्राई-फ्रुट्स का वितरण
तमिलनाडु पॉन ब्रोकर एवं ज्वैलर्स एसोसिएशन ने लॉकडाउन से पहले सदस्यता अभियान चलाया था। जिसमें समूचे तमिलनाडु से पॉन ब्रोकरों को जोड़ा गया है। अब समूचे दक्षिण भारत के पॉन ब्रोकरों का बड़े स्तर पर संगठन बनाने की दिशा में काम किया जा रहा है ताकि पॉन ब्रोकरों की सामूहिक आवाज को मजबूती के साथ उठाया जा सके। लॉकडाउन के दौरान पॉन ब्रोकरों ने विभिन्न इलाकों व पुलिस थानों में जाकर ड्राई-फ्रुट्स व खाद्य सामग्री का वितरण भी किया। एसोसिएशन का एरियावाइज विस्तार भी किया जा रहा है। एसोसिएसन के माध्यम से व्यापारियों की हरसंभव मदद करने का लगातार प्रयास किया जा रहा है।
– स्वामी तेजानन्द महाराज, प्रदेशाध्यक्ष, तमिलनाडु पॉन ब्रोकर्स एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन।
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अगले महीने से पहचान पत्र का वितरण होगा शुरू
एसोसिएशन के सभी सदस्यों को पहचान पत्र (आई कार्ड) दिए जाएंगे। कम्प्युटराइज्ड पहचान पत्र बनाने का काम तेजी से चल रहा है और संभवत दीपावली के आसपास वितरण का काम शुरू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही पॉन ब्रोकरों के लिए समय-समय पर जागरुकता शिविर लगाने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि उन्हें बिजनेस एवं अन्य जानकारियों से अवगत करवाया जा सकें। एसोसिएशन के माध्यम से व्यापारियों को व्यापार संबंधी जानकारी उपलब्ध कराने के प्रयास भी किए जा रहे हैं।
-नरेश पुरी गोस्वामी, प्रदेश महासचिव, तमिलनाडु पॉन ब्रोकर्स एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन।
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अन्य बिजनेस की तरफ हो रहे डाइवर्ट
लॉकडाउन के कारण व्यापार काफी प्रभावित हुआ है। अब धीरे-धीरे व्यापार फिर से गति पकड़ने लगा है। हालांकि अब पॉन ब्रोकर की नई दुकाने कम खुल रही है और व्यापारी अन्य बिजनेस के क्षेत्र को प्राथमिकता देने लगे हैं। पढ़ी-लिखी व नई पीढ़ी भी अब पॉन ब्रोकर की बजाय अन्य व्यापार के तरजीह देने लगी है।
-प्रवीण कुमार राठौड़. मीडिया सचिव, तमिलनाडु पॉन ब्रोकर्स एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन।
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