बतादें, पिछले साल सुप्रीम कोर्ट और मद्रास हाईकोर्ट की फटकार के बाद तमिलनाडु सरकार ने सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया था, लेकिन कुछ महीने के बाद इस प्रतिबंध को सरकार ने जैसे किनारे लगा दिया। आलम यह है कि महानगर का कोई भी इलाका ऐसा नहीं है जहां पॉलीथिन, प्लास्टिक कप और गिलास समेत अन्य वस्तुएं धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रही हैं और सरकार और ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन के अधिकारी मौन साधे हुए हैं।
गौरतलब है कि सरकार और ग्रेटर चेन्नई कॉर्पोरेशन अधिकारियों ने प्रतिबंध के बाद शुरूआती तीन महीने तक प्लास्टिक उत्पादों की तेजी से धरपकड़ की थी। करीबन तीन महीने तक प्लास्टिक उत्पाद चोरी-छिपे इस्तेमाल हो रहे थे, लेकिन अब ऐसा बिलकुल नहीं है। न विक्रताओं में खौफ है और न ही उपभोक्ताओं में। इसीलिए पूरे महानगर में जहरीले प्लास्टिक का उपयोग धड़ल्ले से हो रहा है।
इन जानलेवा प्लास्टिक उत्पादों के प्रति फिल्म सितारे भी खामोश हैं। प्लास्टिक से पर्यावरण को हो रहे नुकसान के प्रति कॉलीवुड सितारे भी कुछ बोलना नहीं चाहते, जबकि देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी बार बार आमजन से प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने की सलाह दे रहे हैं। बहरहाल पूरे महानगर में प्लास्टिक का इस्तेमाल हो रहा है और सरकार इसे प्रतिबंधित करने के प्रति उदासीन बनी हुई है।